scorecardresearch
 

बुरा न मानो, ये बिहार बोर्ड है!

डर के आगे जीत है! बिहार में बोर्ड की परीक्षाएं दे रहे स्टूडेंट्स के अभि‍भावकों ने इस बात को सच कर दिखाया है. बच्चों ने भले ही पढ़ने में मेहनत की या नहीं, लेकिन उनके पिता और भाइयों ने बिना किसी सपोर्ट के दीवारों पर चढ़ने और खिड़कियों पर लटकने में खूब मेहनत की. एक बार को तो स्पाइडरमैन भी इनकी हिम्मत को देखकर शरमा जाए.

Advertisement
X
बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में नकल की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं
बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में नकल की ये तस्वीरें सोशल मीडिया पर वायरल हो चुकी हैं

डर के आगे जीत है! बिहार में बोर्ड की परीक्षाएं दे रहे स्टूडेंट्स के अभि‍भावकों ने इस बात को सच कर दिखाया है. बच्चों ने भले ही पढ़ने में मेहनत की या नहीं, लेकिन उनके पिता और भाइयों ने बिना किसी सपोर्ट के दीवारों पर चढ़ने और खिड़कियों पर लटकने में खूब मेहनत की. एक बार को तो स्पाइडरमैन भी इनकी हिम्मत को देखकर शरमा जाए. देखें वीडियो


Advertisement

जिनका बेटा या भाई परीक्षा दे रहा है, उनके पास देसी स्पाइडरमैन बनने और मंजा हुआ पर्वतारोही बनने की पर्याप्त वजह है.


इन तस्वीरों को देखिए. ये कोई स्पाइडरमैन या किसी फिल्म में स्टंट की शूटिंग नहीं चल रही, ये तो बिहार के वो होनहार अभिभावक हैं, जो अपने महान बच्चों की नकल करने में मदद कर रहे हैं.

परीक्षा केंद्रों की दीवारों पर चढ़ते इन अभिभावकों की तस्वीरें वॉल एक्सपर्ट की तरह ट्विटर पर वायरल हो गई हैं. अब वो दिन बीत गए, जब माता-पिता बच्चों को स्कूल में टिफिन देने आते थे. अब तो वो अपने बच्चों को पास कराने की खातिर खिड़की से नकल कराने आ रहे हैं.

इतना पसीना सिर्फ इसलिए बहाया जा रहा है, ताकि बच्चा हर हाल में पास हो जाए. वैसे बिहार में नकल चलना कोई नई बात नहीं है. यह तो बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में होने वाला सालाना जलसा है.

Advertisement

1996 में बिहार बोर्ड से दसवीं की परीक्षा देने वाले पत्रकार हुसैन रहमानी ने खुलासा किया कि 1996 ही वो इकलौता साल था, जब हाई कोर्ट ने परीक्षाएं ली थीं. नतीजा यह निकला कि दो साल पहले जो रिजल्ट 78 फीसदी आया था, वो सिर्फ 12 फीसदी ही रह गया.

बिहार बोर्ड की परीक्षाओं में पिछले दो दशकों से नकल का यह सिलसिला चला आ रहा है. पुलिस के पहरे के बावजूद अपने बच्चों को नकल कराने वाले अभिभावकों की मुस्तैदी में जरा भी कमी नहीं आई.

तो अगली बार जब भी आपकी बेटी या बेटा परीक्षाओं की तैयारी करे तो आप भी पहाड़ चढ़ने की तैयारियों में जुट जाएं. आखिरकार आपको और आपके बच्चे, दोनों को बुलंदियों पर जाना है.

पढि़ए, बिहार ने इन 'अद्भुत' हालात पर कुछ ट्वीट...

Advertisement
Advertisement