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नीतीश की चुनौती- हिंसा करने से पहले आवारा पशुओं को बचाएं गोरक्षक

नीतीश का आरोप था कि गोरक्षा के नाम पर समाज में मतभेद पैदा करने की कोशिश हो रही है ताकि भूख और गरीबी जैसे असली मसलों से ध्यान भटकाया जा सके.

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गोरक्षकों को बिहार के सीएम की चुनौती
गोरक्षकों को बिहार के सीएम की चुनौती

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गोहत्या पर पाबंदी को लेकर चल रहे विवाद में अब बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी कूद पड़े हैं. पटना में नीतीश ने कहा कि कथित गोरक्षकों को पहले सड़कों पर आवारा गायों और बैलों की रक्षा करनी चाहिए और उसके बाद इस मुद्दे को उछालना चाहिए.

गोरक्षकों को चुनौती
मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से ज्यादा यूपी की सड़कों पर आवारा पशु नजर आते हैं. इनके चलते कई बार हादसे में लोग जान गंवाते हैं. ये आवारा जानवर प्लास्टिक खाकर मरते हैं लेकिन इनकी सुध कोई नहीं लेता. नीतीश का आरोप था कि गोरक्षा के नाम पर समाज में मतभेद पैदा करने की कोशिश हो रही है ताकि भूख और गरीबी जैसे असली मसलों से ध्यान भटकाया जा सके.

'बिहार में नहीं गोहत्या'
नीतीश कुमार ने इस मसले पर अपनी सरकार के रिकॉर्ड का भी बचाव किया. उन्होंने याद दिलाया कि बिहार में गोहत्या पर पहले से पाबंदी है. उनके मुताबिक बीजेपी ने भी 2015 विधानसभा चुनाव के दौरान इस मुद्दे को उठाने की कोशिश की थी. लेकिन उसे कामयाबी नहीं मिली. सीएम का दावा था कि बिहार के लोगों की मानसिकता ही गोहत्या के खिलाफ है. उन्होंने बताया कि पटना के डीएम को ऐसी गोशाला बनाने के निर्देश दिये हैं जिसमें सड़कों पर घूमने वाले आवारा पशुओं को रखा जाएगा.

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