बिहार के ग्रामीण इलाके से शादी, धर्मांतरण और अत्याचार का एक मामला सामने आया है. सूबे के सीतामढ़ी इलाके में एक दलित महिला ने अपने पति पर जबरन धर्मांतरण की कोशिश का आरोप लगाया है.
महिला का कहना है कि हाल ही में उसके पति ने इस्लाम धर्म अपना लिया और अब उसे और उसकी बेटी पर भी जबरन इस्लाम कबूलने का दबाव बनाया जा रहा है. हालांकि पुलिस इस मामले को लव जेहाद जैसा कुछ नहीं मान रही और महिला के पति और 6 अन्य लोगों पर एससी/एसटी एक्ट के तहत प्रताड़ित करने का मामला दर्ज किया है.
रामपुर खुर्द नाम के इस गांव के दलितों ने हालांकि इस तरह की किसी घटना से इनकार किया है. पुपरी सब डिवीजन के पुलिस अधिकारी मोतिउर रहमान ने एक अंग्रेजी अखबार को बताया कि यशोदा देवी नाम की ये महिला अपने पति के इस्लाम कबूलने के खिलाफ थी और धर्म परिवर्तन के बाद अपने पति के साथ नहीं रहना चाहती है. रहमान ने यशोदा के इस दावे को भी गलत बताया कि उसके पति का जबरन धर्मांतरण किया गया.
पत्रकारों से बात करते हुए यशोदा देवी ने बताया कि उसका पति जो बमुश्किल दिन के 200 रुपए कमाता है, एक दिन वो सीधा 20 हजार रुपए उसके हाथ में रखते हुए बोला कि ये पैसे उसने जमा किए हैं. यशोदा ने कहा कि उसे पूरा यकीन है कि इतने पैसे उसे धर्मांतरण के लिए किसी ने दिए हैं.
बकौल यशोदा, तभी तो रामकिशोर राम अचानक से अब्दुल्ला शेख बन गया और लुंगी टोपी पहनने लगा. यशोदा का आरोप है कि अब उसका पति उस पर भी धर्म बदलने का दबाव बना रहा है. रामपुर खुर्द में हिंदू और मुस्लिम दोनों ही रहते है. यहां काफी संख्या मे दलितों की भी आबादी है. यशोदा देवी इसी समुदाय से आती हैं.
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि इस मामले में अभी कोई गिरफ्तारी नहीं की गई है और न ही आईपीसी की कोई सख्त धारा ही लगाई गई है.