scorecardresearch
 

मिड डे मील हादसाः बच्चों की मौत पर सियासी रोटियां सेंकने की लगी होड़

बिहार के छपरा जिले में मिड डे मील खाने से मरने वाले बच्चों की संख्या 22 पहुंच चुकी है और राजनीतिक पार्टियां इस पूरी घटना पर अपनी-अपनी रोटी सेंकती नजर आ रही हैं. नीतीश सरकार ने कहा कि बिहार सरकार को अस्थिर करने के लिए यह ‘बड़ा षडयंत्र’ है.

Advertisement
X

बिहार के छपरा जिले में मिड डे मील खाने से मरने वाले बच्चों की संख्या 22 पहुंच चुकी है और राजनीतिक पार्टियां इस पूरी घटना पर अपनी-अपनी रोटी सेंकती नजर आ रही हैं. नीतीश सरकार ने कहा कि बिहार सरकार को अस्थिर करने के लिए यह ‘बड़ा षडयंत्र’ है.

Advertisement

बिहार के शिक्षा मंत्री पी के साही ने कहा, ‘सब्जी पकाने में इस्तेमाल तेल से बदबू आ रही थी. डॉक्टरों को भोजन और उल्टी में जैविक फॉसफोरस मिला है. इसका मतलब है कि बच्चों को जहरीला भोजन दिया गया.’ साही ने इसमें साजिश की संभावना से इनकार नहीं किया और कहा कि जांच से यह पता चल पाएगा कि बच्चों को जहरीला भोजन दुर्घटनावश दिया गया या ऐसा जानबूझकर किया गया.

इस दुर्घटना को लेकर राजनीतिक आरोप-प्रत्योरोप शुरू होने के बीच साही ने राज्य सरकार के खिलाफ राजनीतिक षड्यंत्र का भी आरोप लगाया. साही ने कहा, ‘प्रिंसिपल मीना कुमारी के पति एक राजनीतिक नेता के करीबी हैं.’ उन्होंने संदेह जताया कि सब्जी या चावल में कीटनाशक से भोजन विषाक्त हुआ. केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री पल्लम राजू ने कहा कि स्कूल प्रिंसिपल के खिलाफ एफआईआर पहले ही दर्ज की जा चुकी है.

Advertisement

धर्मासती गंडामन गांव में सन्नाटा पसरा हुआ है. इस घटना में अपने दो पुत्र गंवाने वाली एक महिला ने कहा, ‘खाने ने जान ले ली.’ पीएमसीएच के अधिकारियों और सूत्रों ने बताया कि 10 साल से कम आयु और कक्षा एक से पांच तक के 16 बच्चों की छपरा में ही मौत हो गई थी, जबकि चार अन्य को मंगलवार रात पटना मेडिकल कालेज हॉस्पिटल पहुंचने पर मृत घोषित किया गया. दो बच्चों की बुधवार सुबह मौत हो गई.

पीएमसीएच के अधीक्षक अमरकांत झा आजाद ने बताया कि पीएमसीएच में 25 अन्य बच्चे चिकित्सकीय निरीक्षण में हैं. एक अस्पताल में बेहद हृदय विदारक दृश्य थे क्योंकि वहां ऐसे बच्चों को लाया गया, जिनके हाथ पैर झूल रहे थे और सिर एक ओर लटका हुआ था.

इस घटना के बाद दिनभर का बंद का आह्वान तीन राजनीतिक दलों आरजेडी, बीजेपी और लोजपा ने अलग-अलग किया था. डॉक्टरों ने कहा कि बीमार बच्चों को शिशु विभाग के आईसीयू में भर्ती किया गया है और सीनियर डॉक्टर उनकी पूरे समय देखभाल कर रहे हैं.

विद्यालय के बीमार पड़े बच्चों में शामिल चौथी कक्षा की छात्रा कांति कुमारी ने कहा, ‘भोजन का स्वाद अच्छा नहीं होने की वजह से जब बच्चों ने थोड़ा ही खाना खाकर छोड़ दिया तो प्रिंसिपल मीना देवी ने हमें डांटते हुए पूरा खाना खत्म करने को कहा.'

Advertisement

कांति ने कहा, ‘जब हमारे पेट में दर्द होने लगा तो प्रिंसिपल ने हमें घर जाने को कहा और मैं घर जाने के रास्ते में ही बेहोश होकर गिर पड़ी.’ बच्चों के लिए भोजन बनाने वाली रसोइया मंजू देवी का भी पीएमसीएच में इलाज चल रहा है. उसने बताया कि भोजन के लिए सामान उसे प्रिंसिपल के पति ने मुहैया कराया था. आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने घटना को ‘दुखद’ करार देते हुए बेगुनाह बच्चों की मौत के लिए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को जिम्मेदार ठहराया.

उन्होंने कहा कि राज्य के विभिन्न हिस्सों से मिड डे मील के बारे में नियमित रूप से शिकायत मिलने के बावजूद नीतीश कुमार सरकार ने कोई कार्रवाई नहीं की. मधुबनी की घटना में करीब 50 बच्चों ने मिड डे मील खाने के बाद पेट में दर्द की शिकायत की और उल्टियां करने लगे. राजनीतिक आरोप-प्रत्यारोप के बीच जेडीयू नेता के सी त्यागी ने कहा कि बिहार सरकार को अस्थिर करने के लिए ‘बड़ा षड्यंत्र’ है.

Live TV

Advertisement
Advertisement