scorecardresearch
 

IIT के सपने ने दी गरीबी को जोरदार पटखनी

IIT-JEE का रिजल्‍ट आने के बाद अपने सपूतों पर गर्व करने वालों में इस बार किसान, मजदूर, मैकेनिक भी शामिल हैं.

Advertisement
X
फाइल फोटो: आनंद कुमार
फाइल फोटो: आनंद कुमार

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-संयुक्त प्रवेश परीक्षा (IIT-JEE) का रिजल्‍ट 21 जून को घोषित होने के बाद अपने सपूतों पर गर्व करने वाले अभिभावकों में इस बार किसान, मजदूर, मैकेनिक और खुदरा दुकानदार भी शामिल हैं. यह सब बिहार में आईआईटी में दाखिला पाने के सपने देखने वाले कमजोर तबके के छात्रों को मुफ्त में कोचिंग देने वाले संस्थान की मदद से सम्भव हो सका है.

Advertisement

बिहार में आईआईटी की मुफ्त तैयारी कराने वाले प्रशिक्षण संस्थान 'सुपर 30' के 30 में से 28 छात्र इस साल आईआईटी की प्रवेश परीक्षा में पास हुए हैं.

परीक्षा पास करने वाले 'सुपर 30' के एक छात्र भानु प्रताप के पिता रामप्यारे प्रताप उत्तर प्रदेश में एक दिहाड़ी मजदूर हैं. भानु की मां गीता देवी ने कोचिंग सेंटर के संचालक आनन्द कुमार का शुक्रिया अदा करते हुए कहा, 'आपकी वहज से हमें वह दिन देखने का सौभाग्य मिला, जिसका हमने सपना भी नहीं देखा था. हम हमेशा आपके आभारी रहेंगे.'

समस्तीपुर जिले के रहने वाले प्रणव कुमार एक किसान पंकज कुमार के बेटे हैं. पंकज दूसरों के खेतों में काम करते हैं. प्रणव ने एक सरकारी स्कूल से अपनी शुरुआती पढ़ाई पूरी की. परीक्षा पास करने के बाद अपनी खुशी जाहिर करते हुए प्रणव ने कहा, 'आनन्द सर ने हमें सिर्फ किताबी ज्ञान नहीं दिया. उन्होंने हमें मुश्किलों में भी बेहतर प्रदर्शन करने की सीख दी.'

Advertisement

वैशाली जिले के अंकित कुमार ने पिछले साल सड़क दुर्घटना में अपने पिता को खो दिया. पिता टेलीफोन विभाग में लाइनमैन के पद पर थे. उनकी बेरोजगार मां के लिए पढ़ाई का खर्च उठा पाना मुमकिन नहीं था. अंकित ने कहा, 'मुझे सुपर 30 के बारे में पता चला और मैंने इसकी प्रवेश परीक्षा पास कर ली. यहां आकर ऐसा लगा जैसे मुझे फिर से पिता का साया मिल गया.'

शिवांगी गुप्ता, अभिषेक कुमार, हंजला, संतोष कुमार, प्रीति कुमारी जैसे कितने नाम हैं, जिनकी आंखों में सपने तो थे, पर उनको पूरा करने के साधन उनके पास नहीं थे.

'सुपर 30' ऐसे ही छात्र-छात्राओं के लिए उम्मीद की किरण और मंजिल पाने का रास्ता बन कर सामने आया है.

Advertisement
Advertisement