सरकारी दफ्तरों में बायोमेट्रिक सिस्टम का असर दिख रहा है. लेटलतीफी के लिए मशहूर तमाम सरकारी बाबू अब सुबह के 9 बजते ही ऑफिस में नजर आते हैं. आलम यह है कि इतवार के दिन पर भी कई जगहों पर बाबू दफ्तरों में दिख जाएंगे.
हर दिन हो रहा है 1900 कर्मियों के बराबर काम
सितबंर 2014 में इस प्रणाली को लागू किया गया था. पिछले तीन महीने के अटेंडेंस की पड़ताल में पाया गया कि इस सिस्टम के लागू होने के बाद कर्मचारी ऑफिस
टाइम से ऑसतन 20 मिनट ज्यादा वक्त हर दिन बिता रहे हैं. अगर इसे हर दिन के कामकाजी घंटों में बांटे तो औसतन 8.5 घंटे तक सरकारी दफ्तरों में काम हो रहा
है. इसे 1900 कर्मचारियों की कमी की भरपाई हो रही है.
बढ़ रही है उम्मीद, अब धूल नहीं फांकेंगी फाइलें
फिलहाल 47 हजार कर्मचारी इस प्रणाली का इस्तेमाल कर रहे हैं. अगर ये सभी औसतन 20 मिनट हर दिन ज्यादा काम कर रहे हैं, तो इससे 16 हजार कामकाजी घंटों
का इजाफा हो रहा है. यानी कम लेबर फोर्स में ही प्रोडक्टिविटी बढ़ने के संकेत मिलने लगे हैं. उम्मीद की जा रही है इससे अर्से से लटके पड़े काम जल्द से जल्द निपटा
लिए जाएंगे.
छुट्टी के दिन भी दफ्तर पहुंचने की होड़
बाबूओं की हाजिरी का पूरा सच बाकायदा ऑनलाइन भी कर दिया गया है जिसे आप www.attendance. gov.in पर भी देख सकते हैं. 3 जनवरी के अटेंडेंस डैशबोर्ड पर
नजर डालने पर दिलचस्प बात सामने आई. शनिवार का दिन छुट्टी का दिन होता है. बावजूद इसके करीब 31.6 फीसदी कर्मचारी काम करने दफ्तर पहुंचे. इनमें से 38.8
फीसदी कर्मी सुबह 9 से 10 बजे के भीतर दफ्तर पहुंच गए थे.
कुल मिलाकर अब रोजाना 36 फीसदी अधिकारी समय पर दफ्तर पहुंचने लगे हैं. लेकिन 27 फीसदी कर्मचारियों की लेटलतीफी अभी गई नहीं है. फिलहाल बायोमेट्रिक अटेंडेंस सिस्टम से 387 दफ्तरों को जोड़ा गया है. सरकार ने आदेश दिया है कि 26 जनवरी तक सभी केंद्रीय दफ्तरों में बायोमेट्रिक अटेंडेंस को लागू कर दिया जाए.