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सेनाध्यक्ष बोले, आतंक को बढ़ावा देने वाले देशों की पहचान की जरूरत

आतंक पर लगाम कसने के लिए भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत इन दिनों बेहद मुखर हैं. उन्होंने न सिर्फ आतंकियों बल्कि उन्हें पोषित करने वाले देशों को पहचान करने का सुझाव दिया.

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भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत (फोटो-ANI)
भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत (फोटो-ANI)

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रायसीना डायलॉग के दूसरे दिन भारतीय सेना प्रमुख बिपिन रावत ने कहा है कि आतंकवादी अब तकनीकी हो गए हैं और अंतरराष्ट्रीय सीमा पर उच्च स्तर की तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं.

सेना प्रमुख बिपिन रावत इन दिनों सीमापार आंतकवाद के लिए लगातार सजगता बरतने की बात कर रहे हैं और यह आगाह कर रहे हैं कि आतंकी अब ज्यादा अत्याधुनिक हो गए और उन्हें उन्हीं के अंदाज में जवाब दिए जाने की जरुरत है. उन्होंने कहा कि आतंकवाद पर लगाम कसने के लिए इंटरनेट और सोशल मीडिया पर नियंत्रण लगाया जाना जरुरी है.

रावत ने कहा, "हमें इंटरनेट और सोशल मीडिया पर निगरानी रखने और नियंत्रण बनाए रखने की दरकार है क्योंकि आतंकी संगठन हमेशा से इसका इस्तेमाल करते रहे हैं. हालांकि एक लोकतांत्रिक देश में ऐसा करना सही नहीं होगा, लेकिन हमें आतंक से बचने के लिए सुरक्षित और सही माहौल बनाए रखने वास्ते कुछ ऐसा करना होगा."

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आतंकवाद पर लगाम लगाने का सुझाव देते हुए रावत ने कहा, "आतंकवादी ऐसी तकनीक का इस्तेमाल करने लगे हैं जो उच्च गुणवत्ता के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर लगाए गए हैं. हमें आतंकियों और उनके स्पॉन्सर्स को नष्ट करना होगा. हमें आतंक स्पॉन्सर करने वाले देशों की पहचान करनी होगी."

मानवता के लिए खतरनाक

भारतीय सेना प्रमुख ने आगे कहा, " आतंकियों तक न्यूक्लियर और केमिकल हथियारों की पहुंच मानवता के लिए खतरनाक है." उन्होंने कहा कि आतंकवाद लड़ाई का नया स्वरुप नहीं है, इन पर हर हाल में रोक लगाना होगा.

इससे पहले इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू और भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को 3 दिवसीय रायसीना डायलॉग में हिस्सा लिया. कार्यक्रम में नेतन्याहू ने कहा कि आज की तारीख में ताकतवर होना बहुत जरूरी है क्योंकि इस दुनिया में कमजोर का बचा रह पाना बहुत मुश्किल है. आप हमेशा ताकतवर के साथ हाथ मिलाते हैं. अगर आपको दुनिया में शांति कायम करनी है तो भी आपको ताकतवर होना पड़ेगा.

भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने भी रायसीना डायलॉग को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि इजरायली पीएम का यह भारत दौरा दोनों देशों के 25 सालों के आपसी कूटनीतिक संबंधों के मौके पर हुआ है.

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