त्रिपुरा में ऐतिहासिक जीत दर्ज करने के बाद भारतीय जनता पार्टी ने अपना मुख्यमंत्री पद का चेहरा चुन लिया है. जीत में अहम भूमिका निभाने वाले प्रदेश अध्यक्ष बिप्लब देब राज्य के मुख्यमंत्री होंगे. मंगलवार को हुई बैठक में उन्हें बीजेपी विधायक दल का नेता चुना गया है. उनके अलावा जिष्णु देव वर्मा राज्य के उपमुख्यमंत्री होंगे.
आपको बता दें कि बीजेपी आज ही सरकार बनाने का दावा पेश कर सकती है. पार्टी की ओर से नितिन गडकरी को पर्यवेक्षक के तौर पर भेजा गया था, जिसके बाद बिप्लब देब को विधायक दल का नेता चुना गया.
Congratulations to Shri @BjpBiplab on being appointed as CM of Tripura & Shri Jishnu Dev Varma on being appointed as deputy CM. Tripura will usher into a new era of good governance, development and prosperity for people under their leadership. pic.twitter.com/NVKzeyro6u
— BJP Tripura (@BJP4Tripura) March 6, 2018
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नई सरकार 9 मार्च को स्वामी विवेकानंद मैदान में शपथ लेगी. बीजेपी कार्यक्रम को भव्य बनाने की तैयारी में है, शपथ समारोह में कई बीजेपी राज्यों के मुख्यमंत्री भी हिस्सा ले सकते हैं. इसके अलावा पीएम मोदी भी मौजूद रहेंगे. त्रिपुरा में 59 सीटों के लिए चुनाव हुए जिनमें से 35 पर भाजपा और आठ सीटों पर उसके सहयोगी दल इंडीजीनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा( आईपीएफटी) के उम्मीदवार विजयी हुए हैं.
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बीजेपी की जीत के बाद त्रिपुरा में हुई हिंसा
आपको बता दें कि 3 मार्च को आए नतीजों के बाद से ही त्रिपुरा में हिंसा की स्थिति बनी हुई है. बीजेपी की जीत के बाद राज्य के कई इलाकों से तोड़फोड़ और मारपीट की ख़बर आ रही है. 25 साल से सत्ता में काबिज रही सीपीआई(एम) आरोप लगा रही है कि बीजेपी-आइपीएफटी कार्यकर्ता हिंसा पर उतारू हो चुके हैं. वे न सिर्फ वामपंथी दफ्तरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं बल्कि कार्यकर्ताओं के घरों पर भी हमला कर उन्हें निशाना बना रहे हैं.
आरोप है कि बीजेपी समर्थकों ने साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविज़न में बुलडोज़र की मदद से रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को ढहा दिया गया. साम्यवादी विचारधारा के नायक लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद से वामपंथी दल और उनके कैडर नाराज हैं.