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बिटकॉयन को लेकर सरकार का असमंजस बरकरार

अभी भी भारत में ज्यादातर लोगों ने क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉयन का नाम नहीं सुना होगा, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में बिटकॉयन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और इससे लोग हर रोज लाखों करोड़ों रुपए का लेनदेन कर रहे हैं. बिटकॉयन एक क्रिप्टो करेंसी यानी डिजिटल मनी है जिसको भारत सरकार ने मान्यता तो नहीं दी है लेकिन तमाम लोग इसे इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि इसको लेकर कोई नियम कानून नहीं है.

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बिटकॉयन
बिटकॉयन

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अभी भी भारत में ज्यादातर लोगों ने क्रिप्टो करेंसी और बिटकॉयन का नाम नहीं सुना होगा, लेकिन आपको यह जानकर हैरानी होगी कि भारत में बिटकॉयन तेजी से लोकप्रिय हो रहा है और इससे लोग हर रोज लाखों करोड़ों रुपए का लेनदेन कर रहे हैं. बिटकॉयन एक क्रिप्टो करेंसी यानी डिजिटल मनी है जिसको भारत सरकार ने मान्यता तो नहीं दी है लेकिन तमाम लोग इसे इस्तेमाल कर रहे हैं क्योंकि इसको लेकर कोई नियम कानून नहीं है.

अब सांसदों ने इसको लेकर चिंता जताई है कि जिस करेंसी को भारत सरकार और रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया ने मान्यता नहीं दी है. वह मुद्रा कैसे तेजी से बढ़ रही है. गुरुवार को संसद में वित्त मामलों की स्थाई समिति में यह मामला जोर-शोर से उठा और कई सांसदों ने यह सवाल उठाया कि अगर बिटकॉयन गैरकानूनी है तो एक बड़े अंग्रेजी अखबार में इसका ऐड किस तरह से छप रहा है. वित्त मामलों की स्थाई समिति में यह मामला बुधवार को भी उठा था और इस समिति के सदस्यों ने रिजर्व बैंक के गवर्नर उर्जित पटेल से यह पूछा था कि बिटकॉयन जैसे क्रिप्टो करेंसी पर लगाम लगाने के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं?

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बिटकॉयन को भले ही सरकार ने मान्यता नहीं दी हो लेकिन एक अनुमान के मुताबिक 2015 में एक लाख से ज्यादा व्यापारियों ने बिटकॉयन को स्वीकार किया. बिटकॉयन की लोकप्रियता का अंदाज इस बात से लगा सकते हैं कि इससे न सिर्फ चीजें खरीदी जा सकती हैं बल्कि इसे डॉलर पाउंड और यूरो जैसी किसी भी विदेशी मुद्रा में बदला जा सकता है.

इसे लेकर सरकार की तरफ से कोई साफ-साफ नियम नहीं होने की वजह से इसकी लोकप्रियता और उपयोग दोनों ही बढ़ता जा रहा है.बिटकॉयन का मामला पहले संसद में भी उठ चुका है. तब एक सवाल का जवाब देते हुए वित्त राज्यमंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने कहा था कि रिजर्व बैंक ने किसी भी दूसरी करेंसी को मान्यता नहीं दी है और जो लोग ऐसी किसी करेंसी का इस्तेमाल कर रहे हैं वह धोखा खाने की स्थिति में या अपना पैसा डूबने की स्थिति में इसके लिए खुद जिम्मेदार होंगे.

तब सरकार की तरफ से बताया गया था कि अप्रैल में वित्त मंत्रालय ने इस पूरे मामले की जांच करने के लिए और बिटकॉयन के बारे में क्या किया जाए इस बात पर विचार करने के लिए एक समिति का गठन कर रही है. यह समिति 3 महीने में अपनी रिपोर्ट देगी. हालांकि स्थाई समिति के सदस्यों को सरकार की तरफ से बताया गया कि इस कमेटी की रिपोर्ट आनी अभी बाकी है.

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