ओडिशा की सत्तारूढ़ बीजू जनता दल ने सोमवार को राज्यव्यापी हड़ताल का आह्वान किया था. बीजेडी ने पेट्रोल/डीजल की कीमतों में बेतहाशा वृद्धि और अन्य मूलभूत जरूरत की चीजें महंगी होने को लेकर केंद्र सरकार के खिलाफ यह हड़ताल बुलाई थी. लेकिन बीजेडी द्वारा बुलाए गए इस बंद को अपने ही एक सांसद के विरोध का सामना करना पड़ा.
केंद्रपाड़ा से बीजेडी सांसद जय पांडा हड़ताल के दौरान एंबुलेंस को रोके जाने और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की घटनाओं पर पार्टी के कार्यकर्ताओं पर ही बिफर पड़े.
मुख्यमंत्री नवीन पटनायक और पांडा में शीत युद्ध
आपकों बता दें कि जय पांडा और पार्टी प्रमुख मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के बीच शीत युद्ध की खबरें आती रही हैं. इतना ही नहीं ऐसी खबरें भी आ चुकी हैं कि जय पांडा बीजेपी में शामिल होना चाहते हैं .
हड़ताल के दौरान सोशल मीडिया पर बीजेडी के कार्यकर्ताओं द्वारा कहीं एंबुलेंस रोकने तो कहीं महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार की तस्वीरें सामने आईं. जय पांडा ने भी सोशल मीडिया पर ही पार्टी कार्यकर्ताओं की इन हरकतों पर नाराजगी जाहिर की और कहा कि पार्टी संस्थापक बीजू पटनायक होते तो आज उन्हें बहुत दुख होता.
जय पांडा ने नाराजगी जाहिर करते हुए सोशल मीडिया पर लिखा, "यह बहुत ही शर्मनाक घटना है और ऐसी घटनाओं के खिलाफ वह खुद को इस हड़ताल से अलग करते हैं."
जय पांडा ने तस्वीरों में अभद्रता करते दिख रहे पार्टी कार्यकर्ताओं के खिलाफ कड़ी कार्यवाही की मांग भी की है.
इतना ही नहीं उन्होंने मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के खिलाफ भी हल्ला बोल दिया और लिखा, "यह वो पार्टी नहीं है, जिसे मैंने नवीन पटनायक के साथ अपने 20 साल दिए. मैं इस घटना से शर्मिंदा भी हूं और गुस्सा भी. बीजू पटनायक अगर होते तो वह भी इस घटना से दुखी और नाराज होते."
पांडा ने आगे लिखा कि ऐसी योजना बनाने वाले लोगों को सत्ता से जाना चाहिए.
पांडा ने अपनी कुछ पुरानी तस्वीरें भी साझा कीं जिसमें वह बैठकर विरोध प्रदर्शन करते नजर आ रहे हैं. इन तस्वीरों के जरिए उन्होंने कहा कि कैसे 2010 से लेकर अब तक बीजेडी में बदलाव आ चुका है.
बीजेडी के भीतर फूट
बीजेपी 2019 में लोकसभा चुनाव के साथ ओडिशा में होने वाले विधानसभा चुनाव के जरिए ओडिशा में अपनी पैठ बनाने की रणनीति में जुट गई है. ऐसे में कहा जा रहा है कि विधानसभा चुनाव से पहले ही सत्तारूढ़ बीजेडी में फूट पड़ सकती है. ऐसी खबरें आती रही हैं कि बीजेडी के भीतर सब कुछ ठीक नहीं चल रहा. इस बीच पांडा के बीजेपी में शामिल होने की संभावनाएं भी जताई गईं. हालांकि पांडा ने इन खबरों को नकार दिया है.
इन अटकलों को पांडा के अपनी ही पार्टी के खिलाफ अक्सर खड़ा होने से भी बल मिला है. जय पांडा अपनी ही पार्टी के कुछ स्थानीय नेताओं पर सांसद निधि से कराए गए विकास कार्यों को क्षतिग्रस्त करने का आरोप भी लगा चुके हैं. और अब बीजेडी कार्यकर्ताओं के खिलाफ नाराजगी जाहिर करने और हड़ताल से खुद को अलग करने से पांडा और नवीन पटनायक के बीच चल रहे मतभेदों पर पड़ा पर्दा भी हट चुका है.