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उपचुनाव में हार से BJP ने लिया सबक, सहयोगियों से मिलने लगे नेता

राजस्थान के बाद उत्तर प्रदेश और बिहार उपचुनाव में हुई हार से सबक लेते हुए  और सहयोगी दलों की शिकायत के मद्देनजर बीजेपी अब ज्यादा सतर्क हो गई है.

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पीएम मोदी और अमित शाह
पीएम मोदी और अमित शाह

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बीजेपी को अब उसके अपने सहयोगियों, विधायकों से लेकर कार्यकर्ताओं की याद आने लगी है. बिहार और यूपी के लोकसभा उपचुनाव में बीजेपी की करारी हार और टीडीपी के एनडीए से बाहर जाने के बाद केंद्रीय मंत्री और लोकजन शक्ति पार्टी के अध्यक्ष रामविलास पासवान और चिराग पासवान ने एनडीए में साथी दलों के साथ भेदभाव को लेकर सवाल उठाए थे. उन्होंने कहा था कि जिस तरह से बीजेपी यूपी में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की परंपरागत सीट गोरखपुर और उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य की फूलपुर सीट पर हारी है, उसे देखते हुए अब समय आ गया है, बीजेपी अपने सहयोगियों के साथ बैठकर आगे की रणनीति तय करे और अपने सहयोगियों की राजनैतिक मजबूरियां समझे.

पासवान से मिले धर्मेंद्र प्रधान और भूपेंद्र यादव

मंगलवार को केंद्रीय मंत्री धर्मेंद्र प्रधान व बीजेपी महासचिव और बिहार बीजेपी के प्रभारी भूपेंद्र यादव ने केंद्रीय मंत्री रामविलास पासवान से मुलाकात की. एनडीए पर पासवान के सुझावों और उनकी नाराजगी सुनने के बाद आश्वासन दिया गया कि उनकी सभी बातों को पीएम मोदी और बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह तक पहुंचा दिया जाएगा. सूत्रों की मानें तो पीएम मोदी और अमित शाह के दूतों ने रामविलास पासवान को साफ कर दिया कि अब एनडीए के सभी साथी दलों की बात सुनी जाएगी और उनकी समस्याओं को हल करने की पूरी कोशिश की जाएगी.

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शाह से मिल शांत हुए ओमप्रकाश राजभर

दूसरी तरफ योगी सरकार से नाराज़ सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और यूपी सरकार में मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह से दिल्ली में मुलाकात की. उपचुनाव में हार के बाद ओमप्रकाश राजभर ने कहा था योगी सरकार कोई काम नहीं कर रही है. इस सरकार में सिर्फ अधिकारियों का बोलबाला है. योगी सरकार में सहयोगियों की कोई सुध लेने वाला नहीं है. उन्होंने ये भी कहा था कि उनकी पार्टी के विधायक राज्यसभा चुनाव में बीजेपी के उम्मीदवार को वोट नहीं देंगे. इसके बाद अमित शाह से ओमप्रकाश राजभर ने दिल्ली में मुलाकात की और अपनी सारी समस्या उनके सामने रखी.

ओमप्रकाश राजभर ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा, 'मैंने आज उन्हें सभी बातों के बारे में विस्तृत रूप से बताया. उन्होंने मुझे आश्वासन दिया है कि वह 10 अप्रैल तक आएंगे और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बातचीत करेंगे. मैं अमित शाह से मुलाकात के बाद पूर्ण रूप से संतुष्ट हूं.'

बीजेपी से अपना दल भी था नाराज

एनडीए का एक और सहयोगी अपना दल भी यूपी में योगी सरकार में अपने विधायकों के साथ भेदभाव के कारण नाराज था. केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी लखनऊ में अपने विधायकों के साथ बैठक की. बैठक में अनुप्रिया पटेल ने कहा कि बीजेपी आलाकमान ने उन्हें संदेश भेजा है कि आगे से किसी भी तरह का भेदभाव नहीं किया जाएगा. हार के बाद पहली बार मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राज्यसभा के चुनाव से पहले सभी विधायकों को 5 कालिदास पर डिनर दे रहे हैं.

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उपचुनाव नतीजों के बाद योगी का फरमान

लोकसभा उपचुनाव के नतीजों से सीख लेते हुए योगी सरकार ने बड़ा फरमान जारी किया है. सोमवार और मंगलवार को अब मंत्री दफ्तर में बैठ कर विधायकों की समस्या सुनकर, उस पर कार्रवाई करेंगे. हफ्ते में एक दिन सभी मंत्री पार्टी के कार्यकर्ताओं से भी मिलने का वक्त निकालेंगे. साथ ही मंत्रियों से संवाद के लिए 12-12 विधायकों का समूह भी बनाया गया है.

राजस्थान उपचुनाव में हार के बाद बीजेपी का प्लान

एक महीने पहले राजस्थान की दो लोकसभा सीटों पर और एक विधानसभा सीट पर जिस तरह से मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे सिंधिया के नेतृत्व में बीजेपी को हार का सामना करना पड़ा, उसने दिल्ली में बीजेपी आलाकमान की नींद उड़ा दी थी. आलाकमान ने वसुंधरा के धुर विरोधी और वसुंधरा राजे के कारण पार्टी छोड़कर गए किरोड़ीलाल मीणा को पार्टी में शामिल कराने के साथ ही राज्यसभा का टिकट दिया और किरोड़ीलाल मीणा को भरोसा दिया कि जल्दी ही राज्य सरकार के कैबिनेट विस्तार में उनकी पत्नी को मंत्री बनाया जाएगा. अब वसुंधरा राजे ने सभी सांसदों और विधायकों को आदेश दिया है कि वो अपने क्षेत्रों में अलग-अलग जगह पर कैंप लगाकर जनता से फीडबैक लें.

नई ज़मीन की तैयारी में खिसकी पुरानी ज़मीन

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जिस तरह से पीएम मोदी और अमित शाह त्रिपुरा, नगालैंड और मेघालय में जीत के बाद बमबम थे, शायद उनको इस बात का अंदाज़ा नहीं था कि जब वो पार्टी के लिए नई ज़मीन तैयार कर रहे थे, तब पुरानी ज़मीन खिसक रही थी. अब समस्या ये है कि बीजेपी को हल्का सा कमज़ोर पड़ता देख उसके अपने सहयोगियों ने भी आंख दिखाना शुरू कर दिया है. लेकिन ये बात किसी को नहीं भूलनी चाहिए की पीएम मोदी और अमित शाह की जोड़ी ख़राब से ख़राब मैदान में भी बड़े से बड़ा स्कोर करना जानती है.

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