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शाह 'लोकसभा टोली' से ले रहे हैं फीडबैक, 2014 से 395 सीट कर चुके हैं कवर

शाह राष्ट्रव्यापी यात्राएं कर रहे हैं. इसके जरिए वे देश भर के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में पार्टी द्वारा बनाए गए 'लोकसभा टोली' के साथ मुलाकात कर रहे हैं. 2019 चुनाव के लिए ये बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है.

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अमित शाह
अमित शाह

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2019 के लोकसभा चुनाव में दोबारा से सत्ता में वापसी के लिए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह संगठन को चुस्त-दुरुस्त करने में इन दिनों जुटे हुए हैं. इसी के मद्देनजर शाह राष्ट्रव्यापी यात्राएं कर रहे हैं. इसके जरिए वे देश भर के प्रत्येक संसदीय क्षेत्र में पार्टी द्वारा बनाए गए 'लोकसभा टोली' के साथ मुलाकात कर रहे हैं. 2019 चुनाव के लिए ये बीजेपी की रणनीति का हिस्सा है.

अमित शाह 22 जुलाई को अपने इस अभियान का पहला चरण पूरा कर लेंगे. इसके जरिए शाह ने देश की सभी 543 लोकसभा क्षेत्रों तक पहुंचने का लक्ष्य रखा है. जबकि अभी तक राष्ट्रव्यापी यात्रा के जरिए वे 18 प्रदेशों का दौरा करके 395 संसदीय सीटों को कवर कर चुके हैं.

बीजेपी अध्यक्ष की इन यात्राओं का मकसद संसदीय चुनाव पर जोर देना है. इन यात्राओं के दौरान वह पार्टी की कोर समूह के अलावा अनुसूचित जाति, जनजाति के नेताओं के साथ बैठक करेंगे. आम चुनाव को ध्यान में रखते हुए 'लोकसभा टोली' का गठन किया गया है और राज्यों में प्रत्येक संसदीय क्षेत्र के हिसाब से पूर्णकालिक नेताओं को इनका प्रभारी बनाया गया है.

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गौरतलब है कि शाह ने 2014 के लोकसभा चुनाव के बाद से हर संसदीय क्षेत्र तक पहुंचने का टारगेट रखा था. आंध्रप्रदेश और राजस्थान जैसे कुछ राज्यों के संदर्भ में बैठक दिल्ली में हुई है लेकिन अधिकांश राज्यों में शाह ने दौरा किया है. इस कड़ी में आज शाह केरल पहुंच रहे हैं. जबकि चार जुलाई को उत्तरप्रदेश के मिर्जापुर जाएंगे और पांच जुलाई को आगरा जाएंगे.

शाह महाराष्ट्र और गोवा के दौरे के साथ ही पहले दौर के अभियान को पूरा कर लेंगे. उन्होंने पहले ही राजस्थान, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर, हरियाणा, दिल्ली, आंध्र प्रदेश, ओडिशा, पश्चिम बंगाल, गुजरात, दादर नगर हवेली और उत्तर पूर्वी राज्यों में पार्टी के प्रदर्शन की समीक्षा कर चुके हैं.

अमित शाह ने लोकसभा क्षेत्र की जमीनी हकीकत को जानने और समझने के लिए कोर ग्रुप समितियों और लोकसभा टोली के सदस्यों को बुलाया था. दरअसल इन टीमों को चुनाव के लिए बनाया गया है, जिसे टोली नाम दिया गया.

'लोकसभा टोली' चुनाव कार्य के अलावा, इन टीमों को जमीन के स्तर पर पार्टी की ताकत और नेटवर्क को मजबूत बनाने के लिए किया गया है. ये संबंधित लोकसभा क्षेत्र में सोशल मीडिया कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों के साथ समन्वय बनाने का काम भी करते हैं.

बीजेपी अध्यक्ष इन टीमों के कामकाज की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं. उन्हें नियमित रूप से निर्देश और मार्गदर्शन दे रहे हैं. उनकी गतिविधियों और भागीदारी पर नजर है. बीजेपी सूत्रों की माने तो लोकसभा चुनाव के लिए पार्टी की अंतिम रणनीति 'लोकसभा टोली' द्वारा प्राप्त फीडबैक के आधार पर तैयार की जाएगी.

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ये विशेष टीम अपने संसदीय क्षेत्रों में प्रत्येक बूथ में मतदाताओं की सूची को सत्यापित करेगी. इसके साथ ही एससी, एसटी और ओबीसी समुदायों के दो दर्जन सदस्यों का चयन करके पार्टी के साथ जोड़ने का लक्ष्य दिया गया है. बीजेपी चुनाव रणनीति और बूथ नेटवर्क को मजबूत बनाने की रणनीति का हिस्सा है.

सूत्रों के मुताबिक 'लोकसभा टोली' को स्थानीय मीडिया और ओपेनियन मेकरों के साथ बेहतर संबंध और तालमेल बनाने के लिए भी कहा गया है.

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