लोकसभा चुनाव प्रचार में किए गए खर्च का बीजेपी हिसाब-किताब तैयार करवा रही है. इसके लिए उसने अर्न्स्ट ऐंड यंग (ईऐंडवाई) को अपना ऑडिटर नियुक्त किया है. यह एजेंसी 2014 में पार्टी के विज्ञापन, मीडिया प्लानिंग और अन्य एजेंसियों द्वारा किए गए खर्च का ऑडिट करेगी.
यह खबर आर्थिक पत्र द इकोनॉमिक टाइम्स ने दी है. पत्र ने बताया है कि ऑडिट एजेंसी को इस बात का जिम्मा सौंपा गया है कि वह बीजेपी के अभूतपूर्व चुनाव प्रचार का पूरा आकलन करे. बीजेपी के इस प्रचार अभियान ने जनता को अपनी और खींचने में काफी मदद की थी.
पत्र ने लिखा है कि पिछले महीने ही ऑडिट की प्रक्रिया शुरू हो गई है. ऐसा नहीं है कि पार्टी ने अपने खर्चों का कभी ऑडिट नहीं कराया था लेकिन यह पहला मौका है कि इतने बड़े पैमाने पर यह काम हो रहा है.
बीजेपी के एक बड़े नेता ने कहा कि कि इस साल के आरंभ में ही हमने यह तय कर लिया था कि एक निष्पक्ष ऑडिटर नियुक्त किया जाएगा जो पार्टी के खर्च का पेशेवर ढंग से ब्यौरा तैयार करे. नेता ने बताया कि पार्टी ने तीन चरणों में ऑडिट का फैसला कर लिया था. इनमें एक था इंटरनल ऑडिट, दूसरा था हमारे रोजमर्रा के खर्च का हिसाब-किताब और अब अर्न्स्ट ऐंड यंग को सभी तरह के खर्च का हिसाब-किताब रखने को कहा गया है. इसका उद्देश्य इस तमाम खर्च का ब्यौरा चुनाव आयोग को देना है.
नेता ने यह भी बताया है कि हम इस ऑडिट के जरिय़े यह भी जानना चाहते हैं कि कहीं अन्य एजेंसियों ने हमसे दो बार तो फीस वसूल नहीं ली. इस चुनाव प्रचार में बीजेपी ने कितना खर्च किया, यह कहना मुश्किल है और लोग तरह-तरह के कयास लगा रहे हैं. लेकिन बीजेपी नेताओं का कहना है कि इस पर 300 से 400 करोड़ रुपए का ही खर्च आया है. यह पूछे जाने पर कि क्या पार्टी इस खर्च के ऑडिट रिपोर्ट को जनता के सामने रखेगी, नेता ने कहा कि यह पार्टी पर निर्भर करेगा.