scorecardresearch
 

अध्‍यादेश वापसी पर 'जुबानी जंग' तेज, बीजेपी ने कहा-परिवारवाद के दबाव में फैसला

दागी जनप्रतिनिधियों को बचाने वाले अध्‍यादेश की वापसी के मसले पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग जोर पकड़ती जा रही है. बीजेपी ने सोनिया गांधी व राहुल पर निशाना साधते हुए कहा है कि अध्‍यादेश परिवारवाद के दबाव में वापस हुआ है.

Advertisement
X
रविशंकर प्रसाद
रविशंकर प्रसाद

दागी जनप्रतिनिधियों को बचाने वाले अध्‍यादेश की वापसी के मसले पर कांग्रेस और बीजेपी के बीच जुबानी जंग जोर पकड़ती जा रही है. बीजेपी ने सोनिया गांधी व राहुल पर निशाना साधते हुए कहा है कि अध्‍यादेश परिवारवाद के दबाव में वापस हुआ है.

Advertisement

'कांग्रेस का कोई आत्‍म-सम्‍मान नहीं'
अध्‍यादेश वापसी के केंद्रीय कैबिनेट के फैसले के बाद बीजेपी प्रवक्‍ता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि यह सरकार शर्मसार हुई है. कांग्रेस को घेरते हुए उन्‍होंने कहा कि इस पार्टी का कोई आत्‍म-सम्‍मान नहीं है.

'दोहरी भाषा बोलती है बीजेपी'
दूसरी ओर, कांग्रेस ने मुख्‍य विपक्षी पार्टी बीजेपी पर दोहरी भाषा बोलने का आरोप लगाया. संसदीय कार्यमंत्री कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी ने सर्वदलीय बैठक के दौरान अध्यादेश का समर्थन किया था. लेकिन जब राहुल गांधी ने मुद्दा उठाया तब उसने अपना रुख बदल लिया. उन्होंने कहा, 'राज्यसभा की कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में उन्होंने (बीजेपी) एकमत से अध्यादेश पर सहमति जताई थी. इसीलिए इसे राज्यसभा में पेश किया गया.'

बैठक के ब्योरे की प्रति लहराते हुए कमलनाथ ने कहा, 'यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि जब से राहुल गांधी ने मुद्दे को उठाया है, बीजेपी ने अलग ही रुख अपना लिया है. यह बीजेपी की पुरानी कार्यशैली रही है कि लोगों के बीच कुछ कहती और अकेले में कुछ और.'

Advertisement

'विपक्षी दलों के दबाव में बदला फैसला'
बीजेपी ने दावा किया कि यह कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की नाराजगी नहीं, बल्कि विपक्षी दलों का दबाव है, जिससे सरकार अध्यादेश की समीक्षा करने पर बाध्य हुई है. बीजेपी प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कमलनाथ के दावे का खंडन करते हुए कहा, 'यह बीजेपी का दबाव है, जो जीत गई. यह देश की जनता का विचार है.' उन्होंने कहा, 'यह राहुल गांधी की पहल नहीं है. यह सुप्रीम कोर्ट, जनता का नजरिया है और विपक्ष का दबाव है, जिसकी जीत हुई है.'

कांग्रेस ने भुला दी बापू की सीख!
मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'बीजेपी दोहरी भाषा नहीं बोलती है. आज महात्मा गांधी का जन्मदिन है और महात्मा गांधी की पहली शिक्षा सत्य बोलने की थी और उन्होंने (कांग्रेस) यही सीख भुला दी.'

बीजेपी प्रवक्ता ने कहा कि कार्यमंत्रणा समिति की बैठक में कमलनाथ और वित्त मंत्री पी. चिदंबरम दोनों ही इस मुद्दे को स्थायी समिति को सौंपने पर सहमत हुए थे. इसकी जगह उन्होंने इसे राज्यसभा में पेश करने का प्रयास किया. लेखी ने कहा कि राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने स्पष्ट रूप से कहा था कि बीजेपी संविधान में किसी भी संशोधन के पक्ष में नहीं है. उन्होंने कहा, 'हमने इस मुद्दे पर राष्ट्रपति से भी गुहार लगाई.'

Advertisement

जेडीयू नेता ने किया अध्‍यादेश वापसी का समर्थन
जेडीयू नेता साबिर अली ने भी अध्‍यादेश वापसी के फैसले का समर्थन किया है. अन्‍य पार्टियों से भी इसी तरह की प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं.

कैबिनेट ने किया अध्‍यादेश वापसी का फैसला
गौरतलब है कि केंद्र की यूपीए सरकार ने दागी सांसदों व विधायकों का बचाव करने वाले विवादास्‍पद अध्‍यादेश को वापस लेने का फैसला कर लिया है. केंद्रीय कैबिनेट की बैठक में यह फैसला आनन-फानन में किया गया.

बुधवार शाम कैबिनेट की बैठक में महज 15 मिनट के भीतर ही यह निर्णय किया गया कि अध्‍यादेश को राष्‍ट्रपति से वापस लिया जाएगा. कांग्रेस उपाध्‍यक्ष राहुल गांधी ने सबसे पहले अध्‍यादेश का कड़े शब्‍दों में विरोध किया था. बाद में उन्‍हें इस मसले पर सोनिया गांधी का भी साथ मिल गया.

Advertisement
Advertisement