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यूपी चुनाव से पहले बीजेपी की दलित राजनीति

अंबेडकर के जरिए अपने दलित वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश करती रही है. उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने वाल्मीकि जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा कि वाल्मीकि को रामायण महाकाव्य के कारण सब लोग जानते हैं. रामायण विश्व के सामने भारतीय संस्कृति को बताने वाला अग्रदूत ग्रंथ है.

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अमित शाह
अमित शाह

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यूपी में बीजेपी ने जो मास्टर प्लान बनाया है, उसमे सबसे बड़ा निशाना मायावती के दलित वोट बैंक में बड़े पैमाने पर सेंध लगाना है. बीजेपी ने इसकी तैयारी बहुत पहले से शुरू कर दी थी. इसलिए बीजेपी पहले अंबेडकर के जरिए अपने दलित वोट बैंक मजबूत करने की कोशिश करती रही है. उसी कड़ी को आगे बढ़ाते हुए बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने वाल्मीकि जयंती के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा कि वाल्मीकि को रामायण महाकाव्य के कारण सब लोग जानते हैं. रामायण विश्व के सामने भारतीय संस्कृति को बताने वाला अग्रदूत ग्रंथ है.

वाल्मीकि रामायण में सामाजिक समरसता
अमित शाह ने आगे कहा, 'आदर्श सेवक कैसा हो, आदर्श भाई, बहन कैसे हों, आदर्श पत्नी कैसी हो सकती है. इन सब का वर्णन महर्षि वाल्मीकि ने रामायण में किया. अगर वाल्मीकि रामायण नहीं लिखते, तो शायद भगवान राम को विश्व में कोई नहीं जानता. भगवान राम भारत के जनमानस में अमर हैं और युवा पीढ़ी को प्रेरणा दे रहे हैं. दलित उत्थान और दलित समरसता के लिए उन्होंने बिना ढिंढोरा पीटे काम किया. संत समाज ने बिना वाल्मीकि की जात पूछे उनके ज्ञान और गुणों की पूजा की, यह बताता है कि भारतीय संस्कृति के खून में समरसता रची-बसी हुई है.'

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समरस समाज का सपना दूर नहीं
अमित शाह ने ये भी कहा कि केंद्र सरकार गरीब, दलित, शोषित और पीड़ित लोगों के लिए काम कर रही है. मोदी सरकार की शुरुआत की पांच योजनाएं दलित, गरीब, शोषित और पिछड़ों के कल्याण के लिए है. अगर देश इसी रास्ते पर चल दे, तो गांधी और अंबेडकर के सपने वाले समरस समाज का सपना दूर नहीं है.

दलित वोट बैंक में सेंध लगाने की कोशिश
मतलब साफ है बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह यूपी चुनाव से पहले मायावती के दलित वोट बैंक में सेंध लगाने के लिए दलित समाज के सभी संत समाज और उनके प्रेरणा स्रोत भीमराव अंबेडकर के साथ अपनी पार्टी की विचारधारा जोड़कर अपने वोट बैंक को मजबूत करने की भरपूर कोशिश करेंगे.

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