भाजपा की जम्मू कश्मीर इकाई ने मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला के इस्तीफे की मांग करते हुए सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून को वापस लिए जाने या उसमें नरमी लाने के किसी कदम का विरोध किया है.
इसके साथ ही पार्टी ने घाटी में जारी हिंसा में मारे गए लोगों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर नौकरियों देने की मांग की है.
भाजपा की राज्य इकाई के अध्यक्ष सोफी मुहम्मद यूसुफ ने सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल से भेंट करने के बाद कहा, ‘राज्य सरकार के पूरी तरह नाकाम रहने के कारण मौजूदा संकट चौथे महीने में पहुंच गया है. उमर अब्दुल्ला को इस्तीफा दे देना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि 2008 के विधानसभा चुनाव में 61 प्रतिशत लोगों ने मतदान किया था और लोगों को उमर से काफी उम्मीदें हैं.
यूसुफ ने कहा कि उमर ने लोगों को निराश किया है और युवा सड़कों पर उतर कर पथराव कर रह हैं.
उन्होंने कहा कि सशस्त्र बल विशेषाधिकार कानून में किसी तरह की नरमी या उसे वापस लिए जाने के किसी कदम का भाजपा विरोध करेगी क्योंकि सीमा पार से आतंकवाद के जारी रहने तक यह कानून आवश्यक है.{mospagebreak}
भाजपा नेता यूसुफ ने कहा, ‘जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और राज्य में सेना की आवश्यकता है ताकि प्रत्येक नागरिक सुरक्षित महसूस कर सकें.’
उन्होंने कहा कि 11 जून के बाद घाटी में 103 लोगों की मौत हो चुकी है और सरकार को उनके परिवारों के पुनर्वास के लिए कदम उठाने चाहिए. उन्होंने मांग की कि मृतकों के परिजनों को अनुकंपा के आधार पर सरकारी नौकरियां दी जानी चाहिए.
यूसुफ ने कहा कि उन्होंने गृह मंत्री पी चिदंबरम को 50 हजार नौकरियों के प्रधानमंत्री के पैकेज की याद दिलायी और कहा कि इस पैकेज को लागू करने का यह सही समय है.