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कर्नाटक: निकाय चुनाव में मुरझाया 'कमल'

कर्नाटक में शहरी स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए सोमवार को शुरू हुई मतगणना में सत्तारूढ़ बीजेपी को बुरी तरह हार का सामना पड़ा है. इससे, दो महीने के अंदर होने वाले विधानसभा चुनावों में जीतकर दोबारा सत्ता में लौटने की बीजेपी की आशाओं को धक्का लगा है.

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जदगीश शेट्टार
जदगीश शेट्टार

कर्नाटक में शहरी स्थानीय निकाय के चुनावों के लिए सोमवार को शुरू हुई मतगणना में सत्तारूढ़ बीजेपी को बुरी तरह हार का सामना पड़ा है. इससे, दो महीने के अंदर होने वाले विधानसभा चुनावों में जीतकर दोबारा सत्ता में लौटने की बीजेपी की आशाओं को धक्का लगा है.

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पिछले गुरुवार को हुए निकाय चुनावों के मतों की गणना सोमवार को हो रही है, जिसमें कांग्रेस सबसे बड़े दल के रूप में उभरी है. दूसरे स्थान पर जनता दल (सेक्युलर) है, जबकि बीजेपी मतगणना में अब तक तीसरे स्थान पर है. इस चुनाव में 207 शहरी इकाइयों में 4,900 लोगों का चुनाव होना है.

दोपहर 1.30 बजे तक हुई मतगणना में कुल 4,600 सीटों के नतीजे आ गए थे, जिसमें कांग्रेस ने 1,800 सीटें जीतकर बीजेपी को काफी पीछे छोड़ दिया है. बीजेपी को अबतक 840 सीटें ही मिलीं. जेडीएस को 880 सीटों पर जीत मिल चुकी थी.

बीजेपी की ही तरह पूर्व मुख्यमंत्री बी.एस. येदियुरप्पा, जो नवम्बर 2012 में बीजेपी छोड़कर कर्नाटक जनता पार्टी (केजेपी) के अध्यक्ष बने, की पार्टी भी बुरी तरह हार गई है. येदियुरप्पा की पार्टी कुल 270 सीटें जीत सकी है.

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बीजेपी के पूर्व मंत्री तथा खनन घोटाले में जेल में कैद जी. जनार्दन रेड्डी के नजदीकी बी. श्रीरामुलू की पार्टी को 80 सीटें मिली हैं. इससे पहले हुए शहरी निकाय चुनावों में भी बीजेपी की कांग्रेस के हाथों बुरी तरह हार हुई थी, लेकिन तब वह सत्ता में नहीं थी.

राज्य के कुल 85 लाख मतदाताओं में से 70 फीसदी मतदाताओं ने पिछले गुरुवार को चार करोड़ मतदान केंद्रों पर अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.

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