अहमदाबाद में मंगलवार को गृह मंत्री सरदार पटेल को समर्पित संग्रहालय का उद्घाटन हुआ. इसे उद्घाटन से बजाय राजनीतिक जंग कहा जाए तो ठीक रहेगा. एक तरफ बीजेपी के महारथी नरेंद्र मोदी और दूसरी तरफ कांग्रेस की लाव-लश्कर. शाम तक बात केवल बयानबाजी की थी, रात होते-होते आंकड़ेबाजी होने लगी.
देखने में आ रहा है कि इन दिनों मोदी विरोधी दलों के नेता मोदी की खामियां सामने लाने में लगे हुए हैं. संग्रहालय के उद्घाटन के दौरान मोदी ने अपने भाषण में कहा कि सरदार पटेल ने 1919 में महिलाओं के लिये आरक्षण लाने की बात कहकर अपनी दूरदर्शिता का परिचय दिया था. मोदी ने भाषण पूरा करके पोडियम छोड़ दिया.
इसके बाद मंच पर आए केंद्र सरकार के मंत्री और कांग्रेस सांसद दिनशा पटेल. उन्होंने मोदी के इतिहास ज्ञान पर सवाल उठाया. दिनशा पटेल बोले, 'मोदी जी ने कहा कि सरदार पटेल ने 1919 में महिला आरक्षण की बात कही थी. मैं उन्हें सुधारना चाहता हूं. वो 1926 था.'
बस फिर क्या था, समारोह में मौजूद कांग्रेस के समर्थक मोदी को फेंकू...फेंकू... कहके बुलाने लगे. इस दौरान सोनिया गांधी और कांग्रेस जिंदाबाद के नारे भी लगे.
सवाल मोदी पर उठे और बीजेपी चुप बैठ जाए, भला ये कैसे हो सकता था. दिनशा पटेल की बात सुनकर बीजेपी नेताओं के चेहरे पर एक बार के लिए मायूसी जरूर आई, लेकिन जब इतिहास के पन्ने खंगाले गए तो पाया कि मोदी गलत नहीं थे. गलत दिनशा पटेल थे.
बीजेपी की ओर से रात में ही मीडिया को मेल के जरिए यह सबूत दिया गया कि मोदी ने जो 1919 का जिक्र किया था, वह सही था. पहली बार सरदार पटेल ने इसका जिक्र 1919 में ही किया था.