भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने शनिवार को संकेत दिए कि वह राम जेठमलानी के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई कर सकती है. वह पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी का इस्तीफा मांग चुके हैं और सीबीआई के नए निदेशक की नियुक्ति पर पार्टी के रुख से सहमत नहीं हैं.
पार्टी प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने कहा, ‘जेठमलानी बीजेपी अध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी करते रहे हैं और अब विपक्ष के दोनों नेताओं के खिलाफ बातें कहीं हैं. हम इनके खिलाफ उनके आरोपों का पूरी तरह खंडन करते हैं. पार्टी ने उनके बयानों का कड़ा संज्ञान लिया है और उचित समय पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.’
नितिन गडकरी को शनिवार को लिखे एक पत्र में जेठमलानी ने लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष सुषमा स्वराज और राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली की इस बात के लिए आलोचना की कि उन्होंने सीबीआई के नए प्रमुख के रूप में रंजीत सिन्हा की नियुक्ति के खिलाफ प्रधानमंत्री को पत्र लिखा है.
सुषमा और जेटली ने उल्लेख किया कि लोकपाल पर राज्यसभा की प्रवर समिति की इस सर्वसम्मत सिफारिश के बावजूद सिन्हा की नियुक्ति की गई है कि सीबीआई निदेशक कॉलेजियम द्वारा नियुक्त किया जाना चाहिए.
हुसैन ने कहा, ‘जेठमलानी ने बीजेपी अध्यक्ष को पत्र लिखा है जिसमें उन्होंने सुषमा और जेटली के खिलाफ बातें कही हैं. बीजेपी अपने नेताओं के खिलाफ उनके आरोपों का खंडन करती है. उनके आरोप निराधार हैं और इनसे सिर्फ कांग्रेस को मदद मिलेगी.’
सुषमा और जेटली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह से सिन्हा की नियुक्ति को स्थगित रखने की मांग की थी, लेकिन प्रधानमंत्री ने वापस पत्र लिखकर भाजपा की मांग को खारिज कर दिया. पूर्व में जेठमलानी ने मांग की थी कि पूर्ति समूह को संदिग्ध फंडिंग के आरोपों के चलते गडकरी को तत्काल इस्तीफा दे देना चाहिए.
बीजेपी सूत्रों ने कहा कि जेठमलानी सांसद हैं और उनके खिलाफ बिना जांच-पड़ताल के कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. पार्टी के एक नेता ने कहा, ‘अनुशासन उल्लंघन के ऐसे मामलों में पार्टी एक प्रक्रिया का पालन करती है.’