दागी नेताओं को लेकर अध्यादेश पर सियासी बवाल मचने के बाद कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने अपनी ही सरकार पर सवाल उठा दिए. उन्होंने कहा कि यह अध्यादेश बकवास है, इसे फाड़कर फेंक देना चाहिए.
इसके बाद मानो सियासी भूचाल ही आ गया. कांग्रेस प्रवक्ताओं को जवाब देते नहीं बन रहा था और विपक्ष को चुटकी लेने का मौका मिल गया.
सबसे तीखा हमला बोला बीजेपी प्रवक्ता मुख्तार अब्बास नकवी ने. उन्होंने कहा कि यह सरकार है, कांग्रेस पार्टी है या फिर कोई नौटंकी की कंपनी है.
बीजेपी के प्रवक्ता मीनाक्षी लेखी ने कहा, 'राहुल गांधी का बयान महज राजनीतिक हथकंडा है. सबसे पहले अध्यादेश का विरोध विपक्ष नहीं ने किया. गुरुवार को दोनों सदनों के नेता प्रतिपक्ष ने राष्ट्रपति से मुलाकात की. इसके बाद देर रात राष्ट्रपति ने केंद्रीय मंत्रियों से मिले. शायद राष्ट्रपति जी ने इशारों में साफ कर दिया होगा कि इस अध्यादेश पर हस्ताक्षर करना संभव नहीं. शायद यही वजह है कि आज सुबह कांग्रेस डैमेज कंट्रोल में जुट गई.'
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा, 'यह श्रेय लेने की कोशिश है. इन्हें अंदेशा हो गया था कि इस अध्यादेश के वापस होने की संभावना ज्यादा है. ऐसे में श्रेय विपक्ष या फिर राष्ट्रपति को न जाए, राहुल सामने आ गए और सियासी बयान दिया. सवाल यह उठता है कि सरकार और पार्टी अलग-अलग कैसे हैं. यह तो पुरानी बात है. एक ही समय में कांग्रेस 100 सिरों के माफिक बात करती है. कोई कुछ बोलेगा और कोई कुछ और..'