बीजेपी गुजरात में विधानसभा चुनाव जल्द कराने के पक्ष में है. चुनाव समय से पहले कराने के लिए बीजेपी और आरएसएस के शीर्ष नेताओं के बीच विचार-विमर्श शुरू हो गया है. वैसे तय समय के मुताबिक राज्य में चुनाव दिसंबर 2017 तक होनी है, लेकिन बीजेपी के स्थानीय नेता इसे कम से कम छह महीने पहले करना चाहते हैं.
अहमदाबाद मिरर की अखबार के अनुसार बीजेपी के नेताओं का मानना है कि जल्द चुनाव कराने से पार्टी को फायदा हो सकता है. यही नहीं बीजेपी का एक धड़ा तो यह भी मान रहा है कि इसके पहले आमूल बदलाव करना होगा और मुख्यमंत्री उम्मीदवार किसी और नेता को घोषित करना होगा. उनका मानना है कि विजय रुपानी 2017 के महत्वपूर्ण चुनाव में लीड करने लायक नेता नहीं हैं. इन नेताओं का मानना है कि राज्य में आम आदमी पार्टी और कांग्रेस की चुनौती से निपटना है तो किसी ओबीसी कैंडिडेट को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करना चाहिए. राज्य में करीब 45 फीसदी मतदाता ओबीसी वर्ग से आते हैं. इनमें 32.5 फीसदी मतदाता ग्रामीण क्षेत्रों में रहते हैं. अगर बीजेपी ने कोई ओबीसी चेहरा सामने आया तो इससे कांग्रेस और आप का समीकरण बिगड़ सकता है. यह पाटीदारों के लिए भी काट साबित हो सकता है, जो आरक्षण की मांग कर रहे हैं. लेकिन सवाल यह भी है कि एक साल के भीतर क्या जनता बीजेपी के तीसरे मुख्यमंत्री चेहरे को स्वीकार करेगी? इसलिए एक धड़ा इस विचार के खिलाफ भी है, उसका मानना है कि रुपानी को अभी छह महीने भी नहीं हुए हैं, ऐसे में किसी और को मुख्यमंत्री का उम्मीदवार घोषित करना उचित नहीं होगा. रुपानी की जगह कुछ लोग वरिष्ठ नेता शंकर चौधरी का भी नाम उछाल रहे हैं, लेकिन किसी नए चेहरे को भी सामने लाया जा सकता है.
अभी हैं परिस्थितियां अनुकूल
गौरतलब है कि गुजरात में साल 2002 से ही बीजेपी लगातार बेहतर प्रदर्शन कर रही है. फिलहाल राज्य विधानसभा की 182 सीटों में से 123 पर बीजेपी का कब्जा है. वैसे आरएसएस के नेताओं की मानें तो बीजेपी और आरएसएस राज्य में जल्दी चुनाव कराने के लिए तैयार हैं. अगर यूपी और पंजाब के साथ चुनाव हो जाएं तो इसके लिए भी वे तैयार हैं. इन नेताओं का मानना है कि नोटबंदी से जनता में कोई नकारात्मक लहर नहीं है, क्योंकि ज्यादातर लोग यही मान रहे हैं कि नरेंद्र मोदी का यह कदम काले धन और आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए जरूरी है. फिलहाल पटेल नेता हार्दिक को गुजरात में प्रवेश पर कोर्ट ने रोक लगा रखी है. इस साल बारिश और फसल अच्छी हुई है, जिसका अभी बीजेपी को फायदा मिल सकता है. अगले साल शायद ऐसी स्थिति न रहे. इसी तरह अगर पंजाब और गोवा में आम आदमी पार्टी बेहतर प्रदर्शन करती है, तो गुजरात में उसकी चुनौती बढ़ सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले दो महीने में चार बार गुजरात की यात्रा की है, इसे भी जल्दी चुनाव कराने का एक संकेत माना जा रहा है.