बिहार चुनावों में गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी के प्रचार करने के बारे में भाजपा ने किसी तरह की प्रतिबद्धता जताने से इंकार किया और संकेत दिया कि चुनावों के नजदीक आने पर इस बारे में फैसला किया जाएगा.
पार्टी के वरिष्ठ नेता एम वेंकैया नायडू ने कहा, ‘प्रचार को लेकर आप इतने इच्छुक क्यों हैं? उपयुक्त समय आने पर आपको बता दिया जाएगा. अभी हम उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया में हैं.’
उन्होंने कहा, ‘चुनाव आने पर प्रचार के मुद्दे पर विचार होगा. पार्टी निर्णय करेगी कि कौन प्रचार करेंगे.’
बिहार विधानसभा चुनाव में ‘‘पुरानी व्यवस्था’’ को जारी रखने का समर्थन करते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने यह भाजपा पर छोड़ दिया है कि चुनावों के दौरान मोदी पार्टी के लिए प्रचार करेंगे या नहीं.
पिछले वर्ष लोकसभा चुनावों के दौरान मोदी की उपस्थिति पर जद (यू) की आपत्तियों का जिक्र करते हुए नीतीश ने कहा था, ‘भाजपा को इसका समाधान करना है. हम पुरानी व्यवस्था के पक्ष में हैं.’
नीतीश ने संकेत दिया था कि भाजपा मोदी को बिहार से दूर रखने की जद (यू) की मांग को मान लेगी.
कश्मीर की स्थिति के लिए कांग्रेस पर आरोप लगाते हुए उन्होंने कहा, ‘उपयुक्त समय पर उचित कार्रवाई नहीं की गई. उन्होंने मामले को इस स्तर तक जाने दिया.’{mospagebreak}
अयोध्या मुद्दे पर उन्होंने कहा कि भाजपा का रूख स्पष्ट है. उन्होंने कहा, ‘देश के लोग रामजन्मभूमि पर बड़ा राम मंदिर चाहते हैं. लेकिन मामला अदालत में है. अदालत अंतिम निर्णय देने वाली है.’
नायडू ने कहा कि फैसला आ जाने के बाद ही पार्टी प्रतिक्रिया देगी. उन्होंने कहा, ‘वहां राम मंदिर बनाना देश के लोगों की इच्छा है और यह हमारी भी इच्छा है.’
यह पूछने पर कि क्या भाजपा फैसले को स्वीकार करेगी तो उन्होंने कहा कि फैसला सबके लिए ‘‘समान’’ है और सबको इसका सम्मान करना है. उन्होंने कहा, ‘हर आदमी को स्वीकार करना है.’