बीजेपी ने रविवार को कहा कि वह पीडीपी के कई ऐसे विधायकों के संपर्क में है, जो जम्मू-कश्मीर में सरकार गठन के पक्ष में हैं. इसके साथ ही पार्टी ने कहा कि वह गठबंधन के लिए महबूबा मुफ्ती की तरफ से रखी गई नई शर्तों को 'कभी नहीं' स्वीकार करेगी.
पुराने एजेंडे पर कायम रहेगी बीजेपी
बीजेपी विधायक रविंद्र रैना ने कहा, 'पीडीपी के कई विधायक जो राज्य में सरकार गठन के पक्ष में हैं और जो राज्य में मध्यावधि चुनाव भी नहीं चाहते, वे सरकार गठन के लिए बीजेपी नेतृत्व
के संपर्क में हैं.' नौशेरा विधायक ने कहा कि पार्टी गठबंधन के उस एजेंडा पर कायम रहेगी, जिस पर एक साल पहले पीडीपी सहमत हुई थी. उन्होंने कहा कि इससे जरा भी हटना दिवंगत पूर्व
मुख्यमंत्री मुफ्ती मोहम्मद सईद के प्रति असम्मान होगा.
बीजेपी के पास और भी विकल्प
उन्होंने कहा, 'जम्मू कश्मीर में सरकार गठन के लिए पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की तरफ से बीजेपी के सामने रखी गई नई शर्तों को स्वीकार करने का सवाल ही नहीं उठता. मुझे
जानकारी मिली है कि उन्होंने (महबूबा ने) नई शर्तें रखी हैं लेकिन बीजेपी उन शर्तों को कभी नहीं स्वीकार करेगी. हम गठबंधन के उस एजेंडा का सख्ती से पालन करेंगे जिस पर एक साल पहले
दोनों दलों की सहमति बनी थी.' उन्होंने कहा कि अगर पीडीपी के साथ गठबंधन टूटता है तो राज्य में सरकार बनाने के लिए बीजेपी के पास 'कई विकल्प' हैं लेकिन उनका खुलासा 'समय आने
पर' किया जाएगा.
दलबदल नहीं करेगी बीजेपी
रैना ने कहा कि जम्मू के लोगों ने बीजेपी को भारी बहुमत दिया था जबकि कश्मीर के लोगों ने पीडीपी के पक्ष में मतदान किया. इसलिए यह समय है कि दोनों दल लोगों को लोकतांत्रिक
तरीके से निर्वाचित सरकार दें और राज्यपाल का शासन इसका कोई विकल्प नहीं है. यह पूछे जाने पर कि क्या बीजेपी, पीडीपी के अंदर दलबदल को बढ़ावा देगी, उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी ऐसा कुछ नहीं करेगी.
उन्होंने कहा कि विधानसभा के लिए निर्वाचित विधायकों में आधे से ज्यादा पहली बार निर्वाचित हुए हैं और उनमें से कोई भी मध्यावधि चुनाव नहीं चाहता. अगर पीडीपी सरकार बनाने के लिए आगे नहीं आती तो हम अन्य विकल्पों की तलाश करेंगे.