लंदन में EVM हैकिंग का दावा करने वाले भारतीय मूल के हैकर सैयद शुजा ने बीते 48 घंटे में भारतीय राजनीति में भूचाल ला दिया है. EVM हैक करने के दावे के अलावा शुजा ने कई सनसनीखेज दावे किए. शुजा ने आरोप लगाया कि 2014 में BJP ने EVM हैक की थी. शुजा ने गौरी लंकेश की मौत को भी ईवीएम से जोड़ दिया. इन सबके अलावा शुजा ने पूर्व केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की मौत को हादसा की बजाए हत्या करार दिया. शुजा ने दावा किया कि गोपीनाथ मुंडे ईवीएम हैक करने की बात जान गए थे, जिसके चलते उनकी हत्या करा दी गई. ऐसे में ये जान लेना चाहिए कि उनकी मौत कब, कैसे और किस वजह से हुई.
2014 में मुंडे बने थे मंत्री
2014 में हुए लोकसभा चुनाव में प्रचंड बहुमत में आई मोदी सरकार में गोपीनाथ मुंडे कैबिनेट मंत्री बने थे. महाराष्ट्र में पिछले कई वर्षों से बीजेपी के लिए मेहनत कर रहे मुंडे को मोदी सरकार ने उसका इनाम देते हुए उन्हें केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री बनाया था.
बीड सीट से दर्ज की थी जीत
मुंडे ने 2014 में महाराष्ट्र की बीड सीट पर एनसीपी के कद्दावर उम्मीदवार को हराते हुए जीत दर्ज की थी. पांच बार के विधायक रहे मुंडे महाराष्ट्र के विधानसभा चुनाव में मुख्यमंत्री पद के तगड़े दावेदार थे. अन्य पिछड़ा वर्ग से आने वाले मुंडे का महाराष्ट्र में बड़ा जनाधार था. ओबीसी महाराष्ट्र में वोट बैंक के नजरिए से एक बड़ा वर्ग है, जो चुनाव में बड़ा उलटफेर करने में सक्षम है. कन्यू भ्रूण हत्या के लिए कुख्यात बीड जैसे जिले में गोपी नाथ मुंडे तीन बेटियों के पिता बने, जो उस इलाके के लिए नजीर है.
मंत्री बनने के कुछ दिन बाद ही मौत
मंत्री बनने के कुछ रोज बाद ही यानि 3 जून 2014 को गोपीनाथ मुंडे अल सुबह दिल्ली में एक कार दुर्घटना के शिकार हो गए. तकरीबन 6 बजे मुंडे अपने सचिव के साथ दिल्ली एयरपोर्ट की ओर रवाना हो रहे थे. उनकी कार मारुति सुजुकी SX4 उनका ड्राइवर चला रहा था. दिल्ली में पृथ्वीराज रोड और तुगलक रोड के बीच उनकी कार को किसी दूसरी कार ने टक्कर मार दी थी.
इंडिका कार ने मारी थी टक्कर
रिपोर्ट के मुताबिक एक इंडिका कार ने रेड सिग्नल को गलत तरीके से क्रॉस करते हुए मुंडे की कार में साइड से टक्कर मार दी. दूसरी दिशा से आ रही कार ने उसी जगह टक्कर मारी जहां पिछली सीट पर कार में मुंडे बैठे हुए थे. यह दुर्घटना प्रधानमंत्री आवास से महज एक किलोमीटर की दूरी पर हुई.
सचिव और ड्राइवर ले गए थे अस्पताल
दुर्घटना होने पर फौरन मुंडे को उनके सचिव और ड्राइवर अस्पताल लेकर पहुंचे. एम्स के डॉक्टरों ने कहा कि जिस समय मुंडे को उनके पास लाया गया, तब उनकी सांसें नहीं चल रहीं थीं. एम्स ट्रॉमा सेंटर के एक डॉक्टर ने पत्रकारों से बातचीत में बताया था कि केंद्रीय मंत्री मुंडे को उनका ड्राइवर और सचिव अस्पताल की इमरजेंसी डिपार्टमेंट लेकर आए थे. मुंडे कार की पिछली सीट पर बैठ हुए थे. बाद में खबरें आईं कि दुर्घटना के दौरान मुंडे शॉक्ड हो गए और तभी उन्हें दिल का दौरा पड़ गया. हालांकि इस दुर्घटना में मुंडे के सचिव और उनका ड्राइवर पूरी तरह सुरक्षित थे.
क्या कहती है पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट
केंद्रीय मंत्री के पार्थिव शरीर के पोस्टमॉर्टम के लिए एम्स में मेडिकल बोर्ड बनाया गया. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट के मुताबिक मुंडे की मौत दुर्घटना के दौरान हार्ट अटैक आने से हुई. कार की टक्कर में मुंडे का लिवर फट गया. उसके बाद उन्हें हार्ट अटैक आ गया.
सीबीआई को सौंपी गई थी जांच
इसके अलावा उन्हें कोई दूसरी बड़ी चोट नहीं आई. बाद में इस मामले की जांच सीबीआई को सौंपी गई. सीबीआई ने ड्राइवर के खिलाफ चार्जशीट दाखिल कर दी. शुरुआत में ड्राइवर को जमानत मिल गई, लेकिन बाद में डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने प्रथम दृष्ट्या मिले साक्ष्यों के आधार पर उसे जमानत न देने का फैसला किया.
मुंडे के भतीजे ने की जांच की मांग
हैकर सैयद शुजा के दावे के बाद गोपीनाथ मुंडे के भतीजे धनंजय मुंडे ने जांच की मांग की है. उनका कहना है कि गोपीनाथ मुंडे की मौत की जांच रॉ या फिर सुप्रीम कोर्ट के जजों से कराई जानी चाहिए. उन्होंने कहा कि ये साफ होना चाहिए कि गोपीनाथ मुंडे की मौत हादसा थी या कोई साजिश.
प्रमोद महाजन की मौत के बाद दूसरा झटका
2006 में प्रमोद महाजन की मौत के बाद बीजेपी के लिए ये दूसरा बड़ा झटका था, जब उनके कद्दावर नेता की असमय मौत हो गई. दोनों ही नेताओं की मौत ऐसे वक्त में हुई जब वो अपने राजनीतिक जीवन में शिखर पर थे.