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लालू ने पुराने साथी के खिलाफ खोला मोर्चा तो बचाव में उतरी बीजेपी

रविशंकर प्रसाद ने लालू पर पलटवार करते हुए कहा कि उनको यह जवाब देना चाहिए कि पटना से लेकर दिल्ली तक इतनी संपत्ति कहां से आई है. लेकिन इसका जवाब देने की बजाय इधर-उधर की बात कर रहे हैं.

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केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद

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मंगलवार को आरजेडी प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर जमकर भड़ास निकाली. लालू यादव ने जब अपने पुराने साथी नीतीश कुमार पर निशाना साधा तब बीजेपी फौरन उनके बचाव में सामने आई.

केंद्रीय मंत्री और बीजेपी के वरिष्ठ नेता रविशंकर प्रसाद ने लालू यादव के आरोपों का जवाब देते हुए कहा कि नीतीश कुमार को भारतीय राजनीति का सबसे बड़ा मौकापरस्त कहने वाले लालू यादव खुद भूल जाते हैं कि उन्होंने खुद कितनी बार पलटी मारी है. उन्होंने कहा कि लालू जी और शरद यादव के संबंध क्या रहे हैं, यह भी देखना पड़ेगा.

रविशंकर प्रसाद ने लालू पर तंज भरे अंदाज में कहा ''लालू जी की राजनीति बहुत साफ है, उन्हें भ्रष्टाचार करने दो, कोई सवाल मत पूछो, अगर कोई सवाल पूछेगा तो उसे फासीवादी ताकत करार कर देंगे.'' अगर आप सवाल पूछेंगे तो आप पर भी आरोप लगा देंगे कि फासीवादी ताकतों से मिले हुए हैं.

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रविशंकर प्रसाद ने लालू पर पलटवार करते हुए कहा कि उनको यह जवाब देना चाहिए कि पटना से लेकर दिल्ली तक इतनी संपत्ति कहां से आई है. लेकिन इसका जवाब देने की बजाय इधर-उधर की बात कर रहे हैं.

रविशंकर प्रसाद ने कटाक्ष करते हुए कहा ''कहां तो वह गरीबों के मसीहा बनते थे और कहां चारा घोटाले में जेल जाना पड़ा. तब भी उन्होंने सबक नहीं सीखा.''

लालू यादव ने अपनी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन बातों का भी जिक्र किया था जो महागठबंधन में रहते हुए नीतीश कुमार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए कही थी. इस बारे में पूछे जाने पर रविशंकर प्रसाद ने कहा कि नीतीश कुमार हमारे साथ 18 सालों तक रह चुके हैं और इस दौरान उन्होंने लालू यादव के लिए भी क्या-क्या बातें कही थीं, यह उनको याद रखनी चाहिएं.

रविशंकर प्रसाद ने तेजस्वी की लोकप्रियता पर भी जवाब दिया. उन्होंने कहा ''अगर उनके बेटे इतने लोकप्रिय थे ,तो अपनी लोकप्रियता बचाकर रखते और आरोपों पर जवाब देते.''

बता दें कि लालू यादव ने नीतीश कुमार को पलटूमार करार दिया था. साथ ही उन्होंने नीतीश कुमार के अतीत का उदाहरण देते हुए उनकी राजनीतिक हैसियत पर टिप्पणी की थी.

 

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