रविवार को ही गृह मंत्री अमित शाह और बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा पार्टी को मजबूती देने के ख्याल से पश्चिम बंगाल के दौरे पर थे. इसी दौरान सुभद्रा मुखर्जी के पार्टी छोड़ने की खबर मीडिया में आई.
पहले CAA के साथ, अब विरोध में
समाचार एजेंसी आईएएनएस से बातचीत में सुभद्रा मुखर्जी ने कहा कि वह बहुत उम्मीद के साथ बीजेपी में शामिल हुई थीं, लेकिन हाल के घटनाक्रमों से उन्हें निराशा हुई, जो दिखाता है कि बीजेपी अपनी विचारधारा से दूर जा रही है, बता दें कि सुभद्रा मुखर्जी ने कुछ बांग्ला फिल्मों और टेलीविजन धारावाहिकों में काम किया है.
पढ़ें- दिल्ली हिंसा में अब तक 46 लोगों की मौत, नाले से निकल रही हैं लाशें
सुभद्रा मुखर्जी ने कहा कि वह पहले CAA के साथ थीं, जिसे नरेंद्र मोदी सरकार ने संसद में पारित किया था, लेकिन वह इसे बढ़ावा देने के बीजेपी के तरीके का विरोध करती हैं.
अनुराग ठाकुर-कपिल मिश्रा के खिलाफ कार्रवाई क्यों नहीं
सुभद्रा मुखर्जी ने कहा, "इसने पूरे देश में अशांति पैदा की है, हम सबको इतने सालों बाद स्वतंत्र भारत में अपनी नागरिकता साबित करने के लिए अपने दस्तावेज क्यों दिखाने चाहिए." सुभद्रा मुखर्जी ने कहा कि दिल्ली हिंसा ने आखिकार मुझे मजबूर किया कि मैं पार्टी के साथ बनी नहीं रह सकतीं हूं. सुभद्रा ने कहा, "माहौल नफरत से भरा है. अनुराग ठाकुर और कपिल मिश्रा जैसे पार्टी नेताओं के खिलाफ उनके नफरत भरे भाषणों के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है. मैं ऐसी पार्टी में कैसे रह सकती हूं, जो कार्रवाई चुनकर करे?