सेना प्रमुख बिपिन रावत के बांग्लादेशी नागरिकों की असम में घुसपैठ और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) पर दिए गए बयान का बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी ने खुलकर समर्थन किया है. आजतक से बातचीत में स्वामी ने कहा, ''आर्मी चीफ ने बांग्लादेशी घुसपैठियों के बारे में बिल्कुल ठीक कहा है. मैं उनकी बात से सहमत हूं.''
बीजेपी नेता ने कहा कि इससे पहले सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि बांग्लादेशी घुसपैठियों को भारत की सीमा से बाहर कर देना चाहिए, लेकिन वो पूरे देश में फैल चुके हैं. लिहाजा उनको अब निकालना इतना आसान नहीं है. इसलिए अवैध प्रवासी पहचान ट्रिब्यूनल (आईएमडीटी) एक्ट के तहत उनको निकालने का प्लान फेल हो गया. उन्होंने कहा, ''हम सबको भारत में हिंदुओं की आबादी को 80 फीसदी बनाए रखना होगा. इस पर विशेष ध्यान देना होगा.''
बीजेपी नेता ने कहा कि ये घुसपैठिए भारत में रोजगार के लिए बॉर्डर पार करके आते हैं. इनके साथ-साथ कुछ आतंकी भी आ जाते हैं. ऐसे में इनको रोकने के लिए सरकार को बड़ा प्लान बनाना चाहिए. सिर्फ बीएसएफ के सहारे इनको रोक पाना मुश्किल है. ये लोग कई बार बीएसएफ के जवानों को रिश्वत देकर या फिर बॉर्डर पर तारों को काटकर भारत में घुस आते हैं.
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा, ''मुझे लगता है कि इस मुद्दे को भारत को बांग्लादेश के समक्ष उठाना चाहिए, क्योंकि विभाजन के समय बांग्लादेश ने कहा था कि मुसलमान हिंदुओं के साथ नहीं रह सकते हैं.'' उन्होंने कहा कि अब बांग्लादेश के मुसलमान नागरिक भारत में रोजगार के लिए आ रहे हैं, तो उन्हें अपनी जमीन बांग्लादेश से मांगनी चाहिए. उसको भारत को दी जानी चाहिए. स्वामी ने कहा कि घुसपैठ के बाद कुछ लोग यहां प्रचार करना शुरू कर देते हैं. जिस तरह की चालाकी एआईडीयूएफ के बदरुद्दीन अजमल कर रहे हैं, उसी तरह से हमको भी चालाकी करनी चाहिए.
मालूम हो कि सेना प्रमुख बिपिन रावत के बांग्लादेशी नागरिकों की असम में घुसपैठ और ऑल इंडिया यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (AIUDF) पर दिए गए बयान ने राजनीतिक रूप ले लिया है. आर्मी चीफ के बयान पर AIUDF चीफ बदरुद्दीन अजमल ने भी पलटवार किया है. उन्होंने ट्वीट किया कि आर्मी चीफ का बयान राजनीति से प्रेरित है जो कि चौंकाने वाला है.
उन्होंने लिखा कि अगर कोई राजनीतिक पार्टी आगे बढ़ रही है, तो ये आर्मी चीफ के लिए किस तरह से चिंता का विषय होता है. उन्होंने कहा कि बड़ी राजनीतिक पार्टियों के कुशासन के कारण ही AIUDF और AAP जैसी पार्टियों का उदय हुआ है. उनके अलावा AIMIM नेता असदुद्दीन ओवैसी और कई अन्य राजनीतिक पार्टियों ने भी आर्मी चीफ के बयान पर सवाल उठाए हैं.