भारतीय राजनीति समझनी है, तो किसी भी शहर या कस्बे में चल रही चायखाने की बहस सुन लीजिए. मगर इस बार चाय पर अलग ही राजनीति हो रही है और इसकी वजह बने हैं गुजरात के मुख्यमंत्री और बीजेपी के पीएम कैंडिडेट नरेंद्र मोदी. बहरहाल, ताजा मसला ये है कि बीजेपी नेता वेंकैया नायडू ने एक टी स्टॉल का उद्घाटन किया. फिर मोदी को कांग्रेस दफ्तर के बाहर चाय बेचने के लिए कहने वाले मणिशंकर अय्यर की आलोचना की. और इसके बाद वह किया जो अब तक कभी नहीं किया था. नायडू ने चाय पी. उन्होंने खुद बताया कि मैंने अपनी जिंदगी में पहली बार चाय पी है.
भैया कहते थे, चाय सेहत के लिए बुरी
नायडू ने शहर के गांधीनगर इलाके में चाय के स्टाल का उद्घाटन करने के बाद वहां चाय पी. फिर उन्होंने कहा कि मैंने जीवन में पहली बार चाय पी क्योंकि मेरे बडे भाई ने सिखाया था कि चाय सेहत के लिए अच्छी नहीं. फिर कांग्रेस पर निशाना साधते हुए नायडू ने कहा कि पार्टी ने अय्यर के बयान की निंदा करने के बजाय उनका समर्थन किया. नायडू ने कहा कि यह सिर्फ मोदी का नीहं देश के हजारों गरीब चाय विक्रेताओं का अपमान है.
अमेठी वाले से बेहतर है चायवाला
नायडू ने कहा कि जनता मोदी को प्रधानमंत्री देखना चाहती है. जबकि कांग्रेस चाहती है कि जो व्यक्ति पहले चाय बेचता था वह प्रधानमंत्री न बने बल्कि कोई अमेठी से उस पद पर पहुंचे. उनका इशारा वस्तुत: कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी से था. वेंकैया ने कहा कि आज लोग गुजरात में विकास देख रहे हैं और राष्ट्रीय स्तर पर इसी तरह के विकास की उम्मीद करते हैं.