सरकार ने ट्राई के पूर्व अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्र को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का प्रधान सचिव नियुक्त किए जाने के लिए अध्यादेश लाने के फैसले की आलोचनाओं को ज्यादा तवज्जो नहीं दी.
कांग्रेस ने राजग सरकार द्वारा अध्यादेश लाने पर सवाल उठाए हैं, लेकिन संसदीय कार्य मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने कहा कि ये कोई मुद्दा नहीं है. विपक्ष के मेरे मित्रों के पास उठाने के लिए कोई अन्य मुद्दा नहीं है. ये कोई विवाद नहीं है. उन्होंने कहा कि अध्यादेश इसलिए जारी किया गया, क्योंकि ट्राई कानून में खामी थी.
उनसे सवाल किया गया था कि क्या मोदी ने अध्यादेश लाने की वजह अपने कैबिनेट सहयोगियों को बताई है. उन्होंने कहा कि मोदी को ऐसे मुद्दे के बारे में कैबिनेट को बताने की कोई आवश्यकता नहीं है. कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने जल्दबाजी में लाए गए इस अध्यादेश पर सवाल उठाए हैं. मिश्र 1967 बैच के रिटायर्ड आईएएस अधिकारी हैं और उत्तर प्रदेश कैडर के हैं.
कार्मिक मंत्रालय की ओर से आज जारी आदेश के मुताबिक मिश्र की नियुक्ति प्रधानमंत्री के कार्यकाल जितनी ही या फिर अगले आदेश तक रहेगी. मिश्र 2006 से 2009 के बीच भारतीय दूरसंचार नियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष रह चुके हैं और 2009 में ही रिटायर हुए. 69 वर्षीय मिश्र उत्तर प्रदेश के हैं और राजनीति शास्त्र एवं लोक प्रशासन में स्नातकोत्तर हैं.