राम जेठमलानी को बीजेपी से निष्कासित करने पर फैसला करने के लिए भाजपा संसदीय बोर्ड की सोमवार शाम साढ़े चार बजे बैठक बुलाई गई है.
बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने सीबीआई प्रमुख के मुद्दे पर कार्रवाई करने की चुनौती देने वाले राम जेठमलानी को रविवार को तत्काल प्रभाव से पार्टी से यह कहते हुए निलंबित कर दिया कि यह 'घोर अनुशासनहीनता' थी.
भाजपा प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन ने बताया कि जेठमलानी को पार्टी से निष्कासित करने पर फैसला करने के लिए भाजपा संसदीय बोर्ड की सोमवार को लेगी. उन्होंने कहा, 'हमारी पार्टी के अध्यक्ष नितिन गडकरी ने उनकी टिप्पणी और आज के उनके उस बयान पर संज्ञान लिया कि उनके खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. उन्हें पार्टी की सदस्यता से तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया.'
जेठमलानी को भाजपा की इस कार्रवाई का सामना इसलिए करना पड़ा क्योंकि उन्होंने रंजीत सिन्हा को नया सीबीआई निदेशक बनाये जाने की भाजपा द्वारा आलोचना किये जाने के लिए पार्टी पर हमला बोला था.
वकील से नेता बने 86 वर्षीय जेठमलानी ने इसके साथ ही मुम्बई में रविवार को कहा कि उनके खिलाफ भाजपा की ओर से कोई कार्रवाई नहीं की जा सकती. जेठमलानी ने असल में ऐसा कहकर गडकरी और पार्टी के शीर्ष नेताओं के प्राधिकार को चुनौती दी. हुसैन ने कहा कि चूंकि भाजपा का संविधान किसी सांसद या विधायक को निष्कासित करने का अधिकार केवल पार्टी के संसदीय बोर्ड को देता है इसलिए गडकरी ने जेठमलानी के पार्टी से निष्कासन पर निर्णय करने के लिए कल उसकी बैठक बुलाई है.
उन्होंने कहा, 'जेठमलानी के निष्कासन पर निर्णय संसदीय बोर्ड द्वारा कल किया जाएगा.' रविवार को जेठमलानी पर लिया गया निर्णय अप्रत्याशित नहीं था और पार्टी ने शनिवार को ही संकेत दे दिया था कि जेठमलानी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जा सकती है. जेठमलानी राजस्थान से भाजपा के राज्यसभा सदस्य हैं. वह कुछ वर्षों से भाजपा के शीर्ष नेताओं के खिलाफ बोलते रहे हैं. उनकी ओर से निंदा भाषण गडकरी पर हमले के साथ शुरू हुआ जब उन्होंने भाजपा अध्यक्ष गडकरी से उनके पूर्ति समूह में कथित संदिग्ध वित्तपोषण के आरोपों को लेकर त्यागपत्र देने की मांग की. उनके पुत्र एवं पार्टी नेता महेश ने भी यही मांग की.
जेठमलानी की ओर से दूसरा हमला शनिवार को उस समय आया जब उन्होंने गडकरी को पत्र लिखकर रंजीत सिन्हा को नया सीबीआई निदेशक बनाये जाने पर भाजपा के रुख की आलोचना की. लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्यसभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली ने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को पत्र लिखकर मांग की कि थी सीबीआई निदेशक की नियुक्ति स्थगित रखी जाए क्योंकि लोकपाल पर राज्यसभा की प्रवर समिति ने सुझाव दिया है कि सीबीआई निदेशक की नियुक्ति कॉलेजियम की ओर से की जानी चाहिए और सरकार ने इसका पालन नहीं किया.