त्रिपुरा में विधानसभा चुनाव में बीजेपी की शानदार जीत के बाद राज्य से तोड़फोड़ और मारपीट के बाद अब वामपंथी स्मारकों को तोड़ने की खबर आ रही है. आरोप है कि बीजेपी समर्थकों ने साउथ त्रिपुरा डिस्ट्रिक्ट के बेलोनिया सबडिविज़न में बुलडोज़र की मदद से रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति को ढहा दिया गया. साम्यवादी विचारधारा के नायक लेनिन की मूर्ति तोड़े जाने के बाद से वामपंथी दल और उनके कैडर नाराज हैं.
आपको बता दें कि त्रिपुरा राज्य में बीजेपी की जीत के बाद राज्य के कई इलाकों से तोड़फोड़ और मारपीट की ख़बर आ रही है. 25 साल से सत्ता में काबिज रही सीपीआई(एम) आरोप लगा रही है कि बीजेपी-आइपीएफटी कार्यकर्ता हिंसा पर उतारू हो चुके हैं. वे न सिर्फ वामपंथी दफ्तरों में तोड़फोड़ कर रहे हैं बल्कि कार्यकर्ताओं के घरों पर भी हमला कर उन्हें निशाना बना रहे हैं.
वहीं रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन की मूर्ति ढहाते वक्त लोगों को भारत माता की जय के नारे लगाते हुए भी सुना जा सकता है. एक न्यूज चैनल के अनुसार त्रिपुरा के एसपी कमल चक्रवर्ती (पुलिस कंट्रोल) ने जानकारी दी कि सोमवार दोपहर क़रीब 3.30 बजे बीजेपी समर्थकों ने बुलडोज़र की मदद से चौराहे पर लगी लेनिन की मूर्ति ढहा दी. एसपी के मुताबिक बीजेपी समर्थकों ने बुलडोज़र ड्राइवर को शराब पिलाकर इस घटना को अंजाम दिया. फ़िलहाल पुलिस ने ड्राइवर को गिरफ़्तार कर लिया है और बुलडोजर को सीज़ कर दिया है.
#WATCH: Statue of Vladimir Lenin brought down at Belonia College Square in Tripura. pic.twitter.com/fwwSLSfza3
— ANI (@ANI) March 5, 2018
लेफ्ट ने कहा, डराने की कोशिश
इस घटना पर सीपीआई(एम) ने कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए नाराजगी जताई है. साथ ही वामपंथी कैडरों और दफ्तरों पर हुए हमलों की लिस्ट जारी करते हुए पीएम नरेंद्र मोदी और बीजेपी पर उनके कार्यकर्ताओं को डराने और उनके मन में खौफ पैदा करने का आरोप लगाया है. साथ ही कहा कि ये हिंसक घटनाएं प्रधानमंत्री द्वारा बीजेपी को लोकतांत्रिक बताने के दावों का मजाक है.
Post Poll violence in Tripura against the Left is the truth which mocks the PM's claims that BJP believes in democratic norms! What is happening in Tripura is a wholesale effort to bully, intimidate and spread a feeling of fear and insecurity among Left cadres and supporters. pic.twitter.com/l1FFAqFhR1
— CPI (M) (@cpimspeak) March 5, 2018
कौन हैं व्लादिमीर लेनिन
रूसी क्रांति के नायक व्लादिमीर लेनिन ने 1893 से उन्होंने रूस के साम्यवादी विचारधारा का प्रचार शुरू किया था. इस वजह से उस दौरान लेनीन को कई बार जेल भेजा गया था और निर्वासित भी किया गया. ‘प्रलिटरि’ एवं ‘इस्क्रा’ के संपादन के अतिरिक्त 1898 में उन्होंने बोल्शेविक पार्टी की स्थापना की. 1905 की क्रांती के उनके प्रयास असफल रहे, लेकिन 1917 में उन्होंने रूस के पुननिर्माण योजना बनाई और सफल हुए. उन्होंने केरेन्सकी की सरकार पलट दी और 7 नवम्बर, 1917 को लेनीन की अध्यक्षता में सोवियत सरकार बनी. लेनिन की कम्युनिस्ट सिद्धांत और कार्यनीति लेनिनवाद के नाम से जानी जाती है. आज के वामपंथ विचारधारा और कार्यशैली में इनके सिद्धांतों का अहम योगदान है.