बीजेपी का 35वां स्थापना दिवस पार्टी के संस्थापक सदस्य लाल कृष्ण आडवाणी के लिए दिल तोड़ने वाला रहा. सोमवार को इस मौके पर पार्टी मुख्यालय में एक बड़ा जलसा आयोजित किया गया, लेकिन पार्टी की ओर से आडवाणी को कार्यक्रम का औपचारिक न्योता भेजा ही नहीं गया.
सूत्रों के मुताबिक, दिग्गज बीजेपी नेता को कार्यक्रम की सूचना सिर्फ एक एसएमएस भेजकर दी गई. यही एसएमएस मीडिया को भी भेजा गया था. पार्टी के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि आडवाणी को सही रूप में न्योता नहीं भेजा गया.
आम तौर पर मुख्यालय में होने वाले कार्यक्रमों के लिए एक पत्र या सर्कुलर भेजा जाता है. लेकिन चूंकि कई पार्टी नेता रविवार को बंगलुरु में हुई कार्यकारिणी की बैठक से लौटे थे, इसलिए समारोह की तैयारी का ज्यादा समय नहीं था. इसलिए आडवाणी को सिर्फ एसएमएस भेजकर सूचना दी गई.
बीजेपी ने खारिज किया आरोप
हालांकि बीजेपी ने इस तरह के आरोपों को सिरे से खारिज किया है. बीजेपी के एक सूत्र ने एक टीवी चैनल बताया कि वरिष्ठ बीजेपी नेता अनिल जैन ने आडवाणी को निमंत्रण दिया और उन्हें पूरे कार्यक्रम के बारे में जानकारी दी थी.
एक अन्य नेता ने बताया कि कार्यक्रम के लिए कोई चिट्ठी या सर्कुलर नहीं भेजा गया क्योंकि यह कार्यक्रम हर साल पार्टी दफ्तर में होता है. यह स्थापना दिवस बीजेपी के लिए एक बड़ा उत्सव था, क्योंकि पार्टी ने पहली बार इतना बड़ा जनादेश हासिल किया है. साथ ही, 9.5 करोड़ सदस्यों के साथ दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी का खिताब भी उसने इसी साल हासिल किया. ऐसे में इसे आडवाणी की अनदेखी से जोड़कर देखा जा रहा है. याद रहे कि बंगलुरु में हाल ही में हुई पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आडवाणी का नाम भाषण देने वालों की सूची में भी नहीं था.
सोमवार को हुए पार्टी के स्थापना दिवस समारोह में अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री एम वेंकैया नायडू, थावर चंद गहलोत और राम लाल शामिल हुए थे. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट करके बीजेपी कार्यकर्ताओं को शुभकामनाएं दी थीं. बीजेपी 6 अप्रैल 1980 को अस्तित्व में आई थी.