आम चुनाव 2014 के समर में कूदने से पहले बीजेपी मार्च के अंत तक अपना विजन दस्तावेद जारी कर देगी. बीजेपी अपने चुनावी घोषणा-पत्र या विजन डॉक्यूमेंट में आयकर ढांचे में बदलाव के साथ चुनाव पद्धति में सुधार को लेकर कई अहम कदम उठाने का विचार कर रही है.
बीजेपी सुनिश्चित बहुमत और अनिवार्य मतदान जैसे नारों के साथ मैदान में उतरने जा रही है, लिहाजा पार्टी ‘ई वोटिंग’ को ‘विजन 2025’ का अहम हिस्सा बना सकती है. पार्टी का मानना है कि ‘ई वोटिंग’ की प्रक्रिया शुरू होने से देश के विभिन्न इलाकों में जाकर नौकरी करने वालों के साथ विदेशों में रहने वाले भारतीय भी अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर सकेंगे.
चुनावी रणभूमि में उतरने से पहले बीजेपी आम आदमी को लुभाने के लिए आयकर ढांचे में बदलाव पर भी जोर दे रही है. विजन दस्तावेज बना रहे पार्टी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष नितिन गडकरी पहले ही संकेत दे चुके हैं कि अगर आयकर प्रणाली को खत्म कर बैंकों में राशि के आदान-प्रदान पर कुछ टैक्स लगा दिया जाए तो काले धन पर रोक के साथ-साथ देश के राजस्व में भी बढ़ोतरी होगी.
आयकर ढांचे में बदलाव पर सुझाव लेने के लिए पार्टी ने पुणे के अर्थक्रांति संस्थान से मंत्रणा भी की है. हाल ही में स्वामी रामदेव ने अययकर ढांचे में बदलाव की शर्त बीजेपी के पीएम उम्मीदवार नरेंद्र मोदी के सामने रखी थी. सूत्रों की मानें तो आम चुनाव में मध्यवर्गी परिवार को लुभाने के लिए बीजेपी अपने घोषणा-पत्र में इन्कम टैक्स और सर्विस टैक्स को समाप्त करने का कदम उठाने का एलान कर सकती है.
माना जा रहा है कि अगर पार्टी में सहमति बनी तो आयकर ढांचे में बदलाव की योजना को पार्टी चुनावी घोषणा-पत्र की बजाय विजन डॉक्यूमेंट का हिस्सा बना सकती है. बीजेपी सूत्रों की मानें तो अर्थक्रांति संगठन ने जो प्रस्ताव पेश किया है उसमें बताया गया है कि यदि सभी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष कर खत्म कर दिए जाएं और ट्रांजेक्शन टैक्स अस्तित्व में लाया जाए तो राजस्व में तीन गुना की वृद्धि हो जाएगी.
संगठन के मुताबिक, अभी टैक्स राजस्व 14 लाख करोड़ रुपये है. यदि ट्रांजेक्शन टैक्स को लाया जाता है, तो राजस्व 40 लाख करोड़ रुपये तक पहुंच जाएगा.