जिस बीजेपी ने चुनाव में कालाधन को वापस लाने को बड़ा मुद्दा बनाकर केंद्र की सत्ता पाई, उसी के एक सांसद ने अब साफ-साफ कह दिया है कि कालाधन कभी भी भारत वापस नहीं लाया जा सकता है. बीजेपी सांसद के बयान पर विपक्ष ने ऐतराज जताया है.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता निशिकांत दुबे ने कहा कि अब तक जो नीति अपनाई गई है, उससे कभी भी स्विटजरलैंड से कालाधन भारत वापस नहीं ला सकते.
लोकसभा में वित्त विधेयक पर चर्चा में हिस्सा लेते हुए निशिकांत दुबे ने कहा, 'हमारी पार्टी कालाधन वापस लाना चाहती है. हमारे सभी सांसदों ने लिखकर दिया है कि कालाधन वापस आना चाहिए. वित्त मंत्रीजी स्विटजरलैंड के साथ पीछे के समय (रेट्रोस्पेक्टिव) समझौता नहीं, बल्कि आगे के समय से (प्रोस्पेक्टिव) समझौता किया गया है.'
निशिकांत दुबे ने कहा, 'स्विटजरलैंड में किसी भी कारोबारी से आप पूछ लें, क्योंकि आप बड़े वकील है, सभी लोगों से आपके संबंध भी हैं. हम जिंदगीभर में कभी स्विटजरलैंड से कालाधन वापस नहीं ला सकते, क्योंकि सभी लोगों ने ट्रस्ट बना रखा है. जो स्विटजरलैंड के स्थानीय नागरिक हैं, वे उनकी कर्मचारी के तौर पर देखरेख करते हैं.'
बीजेपी सांसद ने कहा, 'आप वहां से जो पैसा और नाम मांगेंगे, वह भारतीयों के मांगेंगे. ट्रस्ट या ट्रस्टी का मांगने का सवाल ही नहीं है. जब यह नहीं मांगेंगे, तो स्विटजरलैंड से कालाधन वापस कैसे आयेगा?'
हालांकि दुबे ने कहा कि भारत में कालाधन पर रोक लगाने के बारे में प्रत्यक्ष कर में एक अच्छा प्रावधान 56 (2) किया गया है. पहले ऐसा होता था कि अगर हमें पैसा चाहिए होता था, तब हम किसी के साथ एग्रीमेंट कर लेते थे और उसके बाद कहते थे कि एग्रीमेंट रद्द हो गया और वह पैसा वापस नहीं देना है. अब 56 (2) के आने अगर आपने किसी को एडवांस में पैसा दिया है तथा आपका एग्रीमेंट पूरा नहीं हुआ है, तो सारे पैसे पर टैक्स लगेगा. भारतीय काले धन को रोकने के लिए यह बड़ा कदम है.
गौरतलब है कि चुनाव के दौरान बीजेपी ने विदेशों में रखे कालाधन वापस लाने का वादा किया था. इस दिशा में कार्रवाई भी शुरू हुई थी.