कानपुर से बीजेपी सांसद मुरली मनोहर जोशी ने गुरुवार को अपनी ही सरकार को निशाने पर लिया. विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर वाराणसी में गंगा घाट पर पहुंचे जोशी ने सरकारी अधिकारियों और वैज्ञानिकों के साथ अपनी ही सरकार के मंत्रियों को भी नहीं बख्शा.
बीजेपी के वरिष्ठ नेता डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने तुलसी घाट पर लोगों को सम्बोधित करते हुए कहा कि 'नमामि गंगा' जिसे कहा जा रहा है, इस अभियान के तहत जो कुछ भी केंद्र सरकार ने शुरू किया है उन्होंने उसकी समीक्षा की तो कई खामियां मिलीं.
उन्होंने कहा, 'मैंने गंगा के निकलने का प्रश्न पूछा तो कोई वैज्ञानिक नहीं बता सका. किसी ने कहा गोमुख से निकली है. गंगा अवतरित हुई हैं. इसे भगीरथ लाए थे.
हर जगह गंगा का साथ...
सभा के दौरान उन्होंने अपने संसदीय क्षेत्र की गंगा को सबसे अशुद्ध माना और राजनीति को भी मैला बताते हुए कहा, 'मेरे साथ मेरा सौभाग्य भी है. मेरे पूर्वज उत्तराखंड के मैं वहीं से सांसद बना. वहां से चले इलाहाबाद से पहुंचे. वहां भी गंगा और बनारस आए तो वहां भी गंगा . अब कानपुर में हैं वहां भी गंगा है.'
'राजनीति में भी बढ़ा है प्रदूषण'
जोशी ने कहा कि यह दुर्भाग्य है कि वे सबसे शुद्ध जल से चलकर सबसे अशुद्ध जल तक पहुंच गए हैं. शुद्ध ग्लेशियर जल से सफर शुरू किया और कानपुर पहुंच गया, जहां सबसे ज्यादा प्रदूषण है. जब चले थे तब राजनीति बहुत साफ थी, अब राजनीति का प्रदूषण भी बढ़ गया है. अब हैरानी इस बात की है कि कौन सा प्रदूषण दूर किया जाए.