भारतीय जनता पार्टी के हिन्दुत्ववादी छवि के नेता और गोरखपुर से सांसद योगी आदित्यनाथ को देर रात गाजियाबाद में रेलगाड़ी से उतारकर हिरासत में लिए जाने के मामले में पार्टी की प्रदेश ईकाई ने कड़ा रुख अख्तियार किया है.
भाजपा ने इस मामले को गुरुवार को विधानसभा में उठाने के साथ-साथ राज्य सरकार का पुतला फूंकने का फैसला किया.
आदित्यनाथ का कहना है कि बुधवार को वह वैशाली एक्सप्रेस से दिल्ली से गोरखपुर जा रहे थे. रेलगाड़ी जब गाजियाबाद स्टेशन पर रुकी तो पुलिस ने उन्हें जबरन उतार लिया और उनसे दो घंटे तक पूछताछ करने के बाद छोड़ दिया. पुलिस के इस रवैये से दुखी होकर उन्होंने घंटों स्टेशन पर धरना दिया.
आदित्यानाथ ने कहा कि मुझे बिना कारण बताए जबरन रेलगाड़ी से उतारा गया. मेरा सामान और मेरे सहयोगियों के बारे में मुझे कोई जानकारी नहीं थी. मैंने पुलिस अधिकारियों से कहा कि आप मुझे क्यों रोक रहे हैं, आपके पास इस सम्बंध में कोई आधिकारिक आदेश है, तो उन्होंने न तो आदेश दिखाया और न कोई जवाब दिया.
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष लक्ष्मीकांत वाजपेयी ने कहा कि पार्टी इस मुद्दे को गुरुवार को विधानसभा में प्रमुखता से उठाएगी और विधानसभा के बाहर राज्य सरकार का पुतला भी फूंकेगी.
वाजपेयी ने कहा कि आदित्यनाथ को रोके जाने के मुद्दे पर जब पुलिस से बात की गई तो उनका जवाब था कि वह अम्बेडकर नगर जा रहे थे, इसीलिए उन्हें रोका गया.
प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि जब पुलिस को मालूम था कि वह अम्बेडकर नगर जा रहे थे तो उन्हें लखनऊ में रोका जाता या फिर अम्बेडकरनगर के आसपास किसी स्टेशन पर रोका जाता. रात को गाजियाबाद में रोकने का कोई औचित्य नहीं था.
उल्लेखनीय है कि अम्बेडकर नगर के टांडा में पिछले दिनों हिन्दू युवा वाहिनी के जिलाध्यक्ष रामबाबू की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी, जिसके बाद इलाके में हिंसा भड़क उठी थी. हिंसा बेकाबू होने के बाद मंगलवार और बुधवार को टांडा में कर्फ्यू लगा दिया गया था.