बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने कहा कि इस बार जम्मू कश्मीर के लोगों के लिए दिवाली बहुत खास होगी. उन्होंने कहा कि यह दिवाली लोगों के लिए खास होगी क्योंकि यह पहली दिवाली होगी जब राज्य पूरी तरह से देश से मिल गया. अब हम दोहरी नागरिकता से पीड़ित नहीं रहेंगे. हम सभी भारत के नागरिक हैं. इस बार हम दिवाली गर्व से मनाएंगे.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) नेता राम माधव ने कहा है कि जम्मू-कश्मीर में सेब बगान में काम कर रहे बाहरी मजदूरों और व्यापारियों पर हमला कर आतंकी स्थानीय कश्मीरियों का नुकसान कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि ऐसे आतंकियों से सेना सख्ती से निपटेगी. बता दें कि पिछले कुछ दिनों में आतंकियों ने कश्मीर में काम कर रहे कई बाहरी मजदूरों की हत्या कर दी है. आतंकियों के इस कदम से राज्य में काम कर रहे मजदूरों में खौफ है.
दरअसल राम माधव का बयान ऐसे वक्त में आया है जब जम्मू-कश्मीर और लद्दाख अलग-अलग केंद्र शासित प्रदेश के तौर पर अलग होने वाले हैं. जम्मू-कश्मीर में 31 अक्टूबर से नए कानून लागू हो जाएंगे. अनुच्छेद 370 के हटने से अभी तक जो कानून राज्य में नहीं लागू होते थे, वह अब राज्य में लगेंगे.
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31 अक्टूबर को जम्मू-कश्मीर एक केंद्र शासित प्रदेश बन जाएगा. ऐसे में वहां पर केंद्र सरकार के अनुसार कानून लागू होंगे. जिस प्रकार नई दिल्ली विधानसभा वाला केंद्र शासित प्रदेश है, अब इसी प्रकार जम्मू-कश्मीर भी होगा.
कई आयोग होंगे खत्म
जिन आयोगों को खत्म किया गया है, अब वह केंद्र के अधीन होंगे. और उसी के अनुसार यहां पर काम होगा. जम्मू-कश्मीर विधानसभा वाला केंद्रशासित प्रदेश होगा, वहीं लद्दाख चंडीगढ़ जैसा केंद्र शासित प्रदेश होगा, जहां राज्य सरकार नहीं होगी.
इससे पहले ही राज्य प्रशासन कई तरह के फेरबदल कर रहा है, जिनमें से एक बड़ा फैसला हाल ही में लिया गया. जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने बुधवार को राज्य में कुल सात आयोग को खत्म करने का आदेश दिया है, इसमें मानवाधिकार आयोग और सूचना आयोग शामिल हैं.
पटरी पर लौट रहा जनजीवन
गौरतलब है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कई बार जम्मू-कश्मीर में मानवाधिकार को लेकर सवाल उठते रहे हैं. इन मसलों पर सुप्रीम कोर्ट में याचिका भी दायर की गई हैं. जम्मू-कश्मीर में केंद्र सरकार ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 को हटा दिया था, जिसके बाद से वहां पर कई तरह की पाबंदियां लागू थीं. घाटी में स्कूल, कॉलेज, मोबाइल फोन, इंटरनेट, पर्यटकों की आवाजाही लंबे समय तक प्रभावित रहे. घाटी में धीरे-धीरे सेवाएं बहाल की जा रही हैं.