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जानिए- BJP का संविधान, जिससे जेपी नड्डा चुने जाएंगे पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष

दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल होने का दावा करने वाली बीजेपी का कहना है कि इस वक्त उसके 18 करोड़ सदस्य हैं. बीजेपी के संविधान के मुताबिक पार्टी का कामकाज संभालने के लिए एक अध्यक्ष की व्यवस्था की गई है. अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पार्टी के संविधान में स्पष्ट निर्देश है. इसके लिए लंबी प्रक्रिया का जिक्र है. बीजेपी के संविधान की धारा-19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था की गई है.

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जेपी नड्डा बीजेपी के 11वें अध्यक्ष बनेंगे (फोटो- पीटीआई)
जेपी नड्डा बीजेपी के 11वें अध्यक्ष बनेंगे (फोटो- पीटीआई)

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  • जेपी नड्डा को भारतीय जनता पार्टी का जिम्मा
  • अगले तीन साल तक रहेंगे पार्टी अध्यक्ष
  • बीजेपी के संविधान में अध्यक्ष की विस्तृत चर्चा

जेपी नड्डा का बीजेपी का 11वें अध्यक्ष के रूप में चुना जाना तय है. जेपी नड्डा का पूरा नाम जगत प्रकाश नड्डा है और वे हिमाचल प्रदेश से आते हैं. भारत की राजनीति में जेपी नड्डा के नाम से चर्चित जेपी नड्डा बीजेपी के संविधान के मुताबिक वे 3 साल तक बीजेपी के अध्यक्ष पद पर बने रह सकते हैं.

दुनिया का सबसे बड़ा राजनीतिक दल होने का दावा करने वाली बीजेपी का कहना है कि इस वक्त उसके 18 करोड़ सदस्य हैं. बीजेपी के संविधान के मुताबिक पार्टी का कामकाज संभालने के लिए एक अध्यक्ष की व्यवस्था की गई है. अध्यक्ष पद के चुनाव के लिए पार्टी के संविधान में स्पष्ट निर्देश है. इसके लिए लंबी प्रक्रिया का जिक्र है. बीजेपी के संविधान की धारा-19 के तहत राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव की व्यवस्था की गई है.

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कैसे होता है बीजेपी में अध्यक्ष पद का चुनाव

धारा-19 मुताबिक अध्यक्ष का चुनाव एक निर्वाचक मंडल द्वारा किया जाएगा. जिसमें राष्ट्रीय परिषद और प्रदेश परिषदों के वर्णित सदस्य होंगे. चुनाव राष्ट्रीय कार्यकारिणी द्वारा निर्धारित नियमों के मुताबिक किया जाएगा.

राष्ट्रीय अध्यक्ष वहीं व्यक्ति हो सकेगा जो कम से कम अवधियों तक सक्रिय सदस्य रहने के साथ ही न्यूनतम 15 वर्ष तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहा हो. निर्वाचक मंडल में से कुल 20 सदस्य राष्ट्रीय अध्यक्ष पद के चुनाव की योग्यता रखने वाले व्यक्ति के नाम का प्रस्ताव रखेंगे. यह संयुक्त प्रस्ताव कम से कम पांच ऐसों प्रदेशों से भी आना जरूरी है. जहा राष्ट्रीय परिषद के चुनाव संपन्न हो चुके हों. नामांकन पत्र पर उम्मीदवार की स्वीकृति भी जरूरी है.

bjp-president_012020115710.jpgस्रोत-bjp.org

बीजेपी के संविधान की धारा 21 के मुताबिक कोई भी सदस्य तीन-तीन वर्ष के लगातार दो कार्यकाल तक ही अध्यक्ष रह सकता है. प्रत्येक कार्यकारिणी, परिषद, समिति और उसके पदाधिकारियों तथा सदस्यों के लिए भी तीन वर्ष की अवधि तय की गई है.

बीजेपी का सदस्य होने की शर्त

बीजेपी का अध्यक्ष बनने के लिए उम्मीदवार को 15 सालों तक पार्टी का प्राथमिक सदस्य रहना होगा. बीजेपी का सदस्य बनने के लिए मुख्य शर्त ये हैं कि उसे 18 वर्ष या उससे अधिक उम्र का होना चाहिए. इसके अलावा उसका किसी दूसरे दल से जुड़ाव नहीं हो चाहिए. निर्धारित शुल्क देने के बाद छह साल तक शख्स की सदस्यता प्रभावी रहती है. कोई भी शख्स एक से अधिक स्थानों पर पार्टी का सदस्य नहीं बन सकता. सदस्यों से प्राप्त शुल्क का हर तीन साल बाद कई इकाइयों में बंटवारा होता है. कुल शुल्क का राष्ट्रीय इकाई को 10 प्रतिशत, प्रदेश को 15, जिला को 25 और मंडल को 50 प्रतिशत हिस्सा जाता है.

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bjp-news_012020115736.jpgस्रोत-bjp.org

सक्रिय सदस्य की परिभाषा

बीजेपी का सक्रिय सदस्य उसे ही माना जाएगा जिसे पार्टी का सदस्य बने कम से कम तीन साल हो गए हों. सक्रिय सदस्य आवेदन पत्र के साथ 100 रुपये पार्टी कोष में जमा करेगा. आवेदन पत्र अस्वीकार होने पर ये राशि लौटाई नहीं जाती है. सक्रिय सदस्य को पार्टी के आंदोलनात्मक कार्यक्रमों में भी शामिल होना होगा. मंडल समिति या उससे ऊपर किसी समिति का चुनाव लड़ने या सदस्य बनने का हक सिर्फ सक्रिय सदस्य को ही होगा. सक्रिय सदस्य को सिर्फ अपने ही मंडल क्षेत्र से संबंधित मंडल, जिला और प्रदेश में भाग लेने का अधिकार होगा.

बीजेपी के संविधान की धारा-7 के मुताबिक पार्टी ने संगठन के लिहाज से पूरे देश को 7 भागों में बांटा है. इनमें 1- राष्ट्रीय स्तर 2-राष्ट्रीय परिषद और 3- प्रदेश स्तर 4- क्षेत्रीय समितियां 5- जिला समितियां 5- मंडल समितियां 6-  ग्राम केंद्र और 7- शहरी केंद्र होते हैं.  

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