केंद्र की सत्ता में 27 मई को तीन साल पूरे करने जा रही मोदी सरकार के प्रचार- प्रसार अभियान में सिर्फ केंद्र सरकार के मंत्री ही नहीं भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्री, उपमुख्यमंत्री, राज्यों के प्रभारी, महासचिव के साथ सभी सांसदों, विधायकों और भाजपा शासित राज्यों के मंत्रियों को भी जिम्मेदारी दी गई है.
भाजपा की रणनीति तीन साल के उपलक्ष्य में देश की 543 लोकसभा सीटों तक पहुंच बनाने और मोदी सरकार की योजनाओं और सफलता के तीन साल की गाथा हर ससंदीय क्षेत्र में पहुचाने की है.
मोदी सरकार के तीन साल के तूफानी प्रचार अभियान के पीछे इसी साल होने वाले गुजरात, हिमाचल प्रदेश और अगले साल की शुरुआत में होने वाले कर्नाटक जैसे बडे राज्य के साथ 2019 के आम चुनाव की तैयारियों के रूप में भी देखा जा सकता है. प्रधानमंत्री नरेंन्द्र मोदी तीन साल के उपलक्ष्य में पांच रैलियां कर सकते हैं. इसकी शुरुआत मोदी गुवाहाटी से करेंगे.
तीन महीने तक तक देश को खंगालेंगे शाह
27 मई से 15 जून तक कुल 19 दिनों तक चलने वाले मोदी सरकार के तीन साल के महोत्सव में एनडीए कही पीछे छूट गया है और इसमें सिर्फ भाजपा ही भाजपा है.
बीजेपी अध्यक्ष शाह पहले ही देश के दौरे पर निकल चुके हैं.
भाजपा अध्यक्ष शाह अपने 95 दिवसीय कार्यक्रम में देशभर का दौरा कर भाजपा संगठन को मजबूत करने के साथ ही मोदी सरकार के सफलता की जानकारी देने और भाजपा संगठन को मोदी सरकार के साथ कदमताल करते हुए केंद्र सरकार की लोकप्रिय योजनाओं को जन-जन तक पहुंचाने की जिम्मेदारी भाजपा के पदाधिकारियों को देने के लिए दौरे की शुरुआत कर दी है.
शाह ने अपने दौरे की शुरुआत 25 अप्रैल से ममता के राज्य पश्चिम बंगाल से की थी. अब तक शाह पं बंगाल, जम्मू कश्मीर, हिमाचल प्रदेश, त्रिपुरा और लक्षदीप का दौरा कर चुके हैं. 27 मई को दिल्ली में शाह मोदी सरकार के तीन साल का लेखा- जोखा देंगे. दिल्ली के अलावा भाजपा अध्यक्ष शाह त्रिवेन्द्रम, पोर्ट ब्लेयर, रायपुर, गंगटोक और ईटानगर में खासतौर से तीन साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे. भाजपा अध्यक्ष 28 सितंबर तक भारत भ्रमण कर संगठन को मजबूती देने के साथ ही मोदी सरकार की उपलब्धियों को भी जनता के सामने रखेंगे.
मुख्यमंत्रियों को मिली बड़ी जिम्मेदारी
भाजपा शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों को भी मोदी सरकार के तीन साल का लेखा-जोखा देने की जिम्मेदारी दी गई है. मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री ऐसी जगह जाएंगे जहां
भाजपा की सरकारें नहीं हैं. भाजपा के मुख्यमंत्री दूसरे राज्यों में जाकर बताएंगे कि कैसे केंद्र सरकार की योजनाओं का लाभ उनके राज्य ने लिया है. इसके साथ ही
मुख्यमंत्री यह भी बताएंगे कि केंद्र और राज्य के बेहतर समन्वय से राज्य कैसे उन्नति कर सकता है. साथ ही मुख्यमंत्री अपने राज्य में शुरू की गई लोकप्रिय योजना की
जानकारी भी दूसरे राज्यों में जाकर देंगे.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को उड़ीसा के कटक, छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री रमन सिंह पं. बंगाल के आसनसोल, राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुधंरा राजे हिमाचल प्रदेश के शिमला, गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रीकर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा, झारखंड के मुख्यमंत्री रघुवर दास पं बंगाल के दुर्गापुर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बिहार के पटना, हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर तेलगांना के हैदराबाद, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री केरल के कोच्चि, गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपानी कर्नाटक के धारवाड़ एवं हुबली, उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत जम्मू, असम के मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनवाल त्रिपुरा के अगरतला, मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह मिजोरम के आइजोल, अरुणाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री प्रेमा खांडू मेघालय, जम्मू कश्मीर के उपमुख्यमंत्री निर्मल सिंह पंजाब के पटियाला, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य बिहार के नालंदा, उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा तमिलनाडु के मदुरै, गुजरात के उपमुख्यमंत्री नितिन पटेल दमन और अरुणाचल के उपमुख्यमंत्री चौवन मिन को नगालैंड के कोहिमा में मोदी सरकार के तीन साल का लेखा-जोखा देने को कहा गया है.
मुख्यमंत्रियों को 27 मई से 31 मई के बीच दिए गए राज्यों में कार्यक्रम रखने के लिए कहा गया है, हालांकि मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री अपने सुविधा के अनुसार 15 जून तक किसी भी तारीख को अपना कार्यक्रम संबंधित राज्यों में तय कर सकते है.
केंद्रीय मंत्रियों का गहन दौरा मोदी सरकार के सभी मंत्री देशभर के राज्यों का दौरा कर सरकार के तीन साल का रिपोर्ट कार्ड पेश करेंगे. केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह मुम्बई और जयपुर, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज दिल्ली और लखनऊ, अरुण जेटली बंगलुरु और गांधीनगर, वेंकैया नायडू भुवनेश्वर और रायपुर, नितिन गडकरी चेन्नई और रांची, जेपी नड्डा केरल और गुजरात, अनंत कुमार आंध्र प्रदेश और प. बंगाल, सुरेश प्रभु प. बंगाल और मध्य प्रदेश, सदानंद गौडा तमिलनाडु, उमा भारती असम, कलराज मिश्रा हिमाचल प्रदेश, मेनका गांधी आंध्रप्रदेश, रविशंकर प्रसाद केरल और गुजरात, नरेन्द्र सिंह तोमर पं बंगाल, चौधरी वीरेन्द्र सिह पंजाब, जोएल ओरांव अरुणाचल प्रदेश, राधा मोहन सिंह ओडिशा, थावरचंद्र गहलोत आंध्र प्रदेश, स्मृति ईरानी पं बंगाल, हर्षवर्धन त्रिपुरा, प्रकाश जावडेकर केरल, राजीव प्रताप रूडी हरियाणा, विजय गोयल छत्तीसगढ़, धर्मेन्द्र प्रधान ओडिशा, पीयुष गोयल कर्नाटक, निर्मला सीतारमण केरल, जितेंद्र सिंह सिक्किम और महेश शर्मा ओडिशा जाकर मोदी सरकार की तीन साल की उपलब्धियों को जनता के सामने रखेगे.