नरेंद्र मोदी तो अजेय हो गए. लेकिन इसके आगे का सवाल ये है कि नरेंद्र मोदी बीजेपी के कारण बड़े हैं या बीजेपी नरेंद्र मोदी के कारण बड़ी हुई. इंडिया टुडे कार्वी इनसाइट सर्वे से पहले इसके अनेक उत्तर हो सकते थे. लेकिन आज इसका एक ही जवाब है. बीजेपी आज जहां खड़ी है उसकी वजह नरेंद्र मोदी हैं, और नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में उसकी जगह और मजबूत होगी. बीजेपी ही नहीं नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में एनडीए भी नए मकाम हासिल करेगा.
16 मई 2014 को जब भारतीय राजनीति में ये दृश्य घटित हो रहे थे तो किसी को अंदाजा नहीं था कि अपने कायाकल्प की यात्रा पर निकले एक योद्धा का यह मकाम अपने विरोधियों और साथियों दोनों से मंजिलों का पता ही छीन लेगा. लेकिन सवा तीन साल में हिंदुस्तान की सियासत का सुदर्शन चक्र नरेंद्र मोदी की उंगलियों का ऋंगार बन चुका है. इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट का सर्वे उनकी अगुवाई में एक असंभव लक्ष्य के हासिल की कथा है. इस कथा का नाम है एनडीए. आज एनडीए का मतलब है नरेंद्र मोदी. सर्वे का इशारा है कि अगर आज चुनाव हुए तो मोदी की अपार लोकप्रियता संसद में एनडीए की ताकत को स्वप्नलोक में स्थापित कर देगी.
12 से 23 जुलाई के बीच हुए सर्व के मुताबिक अगर आज चुनाव हुए तो एनडीए को 349 सीटें मिलेंगी मतलब मौजूदा सीटों से भी 13 ज्यादा, लेकिन अकेले एनडीए की ताकत नहीं बढ़ेगी. नरेंद्र मोदी का जादू बीजेपी को भी मजबूत बनाएगा. अगर आज चुनाव हुए तो उसे 298 सीटें मिल सकती हैं मतलब मौजूदा सीटों से भी 27 सीटें ज्यादा. साफ है कि राजनीति की तमाम हलचलों के बावजूद नरेंद्र मोदी के नेतृत्व को लेकर जनता अभिभूत है और उसकी आस्थाएं अकाट्य.
कांग्रेस मुक्त भारत बनाने का नरेंद्र मोदी का सपना कमोबेश विपक्ष मुक्त भारत की ओर बढ़ता जा रहा है. उनका आभामंडल कांग्रेस को अपने पतनकाल से उबरने की मोहलत नहीं दे रहा और विपक्ष की खंडित एकता जनता में कोई विश्वास नहीं जगा पा रही. इसीलिए आज चुनाव होने की स्थिति में यूपीए की झोली में सिर्फ 75 सीटें आएंगी. कांग्रेस कुछ सुधरेगी लेकिन 44 से बढ़ेगी तो 47 तक पहुंचेगी. जबकि अन्य दल 119 सीट पाएंगे.
जाहिर है आज की तारीख में भी एनडीए प्रचंड बहुमत के साथ सरकार बनाएगी, उसे रोकने वाली ताकतें लगातार कमजोर हो रही है. लेकिन ऐसा नहीं है कि विपक्ष की आशाओं के सारे महल मिट्टी में मिल चुके हैं. अगर जनवरी के सर्वे से एनडीए की सीटों की तुलना करें तो वो उम्मीद बांध सकता है.
जनवरी में एनडीए को सिर्फ 360 सीटें मिलती नजर आ रही थीं मतलब वो ढलान पर थी यानी 11 सीटों का नुकसान होता नजर आ रहा है. इसका 15 सीटों का सीधा फायदा यूपीए को मिलने वाला था. लेकिन वो यहीं नहीं रुकती. एनडीए से 11 सीटें झटकने के साथ यूपीए अन्यों के खाते से भी चार सीटें झटकती.
अब देखिए कि क्या नरेंद्र मोदी का आभालोक एनडीए के वोट प्रतिशत को भी बढ़ाने में कामयाब हो पाएगा। तो आजतक कार्वी इनसाइट सर्वे के मुताबिक आज अगर चुनाव हुए तो एनडीए की झोली में 42 फीसदी वोट मिलेंगे. इसके मुकाबले यूपीए को केवल 28 फीसदी वोट मिलेंगे, जबकि अन्य के खाते में 30 फीसदी वोट जाएंगे. 6 महीने पहले जनवरी में हुए सर्वे से तुलना करें तो एनडीए की लोकप्रियता स्थिर बनी हुई है. लेकिन यूपीए की स्थिति तीन फीसदी सुधरी है, जबकि अन्य दलों की लोकप्रियता में तीन फीसद की कमी आई है.
अब देखिए कि अगर आज चुनाव हुए तो कांग्रेस का तंबू कहां खड़ा होगा. बीजेपी के मुकाबले उसकी स्थिति क्या होगी और अन्य दलों की जमीन कितनी बचेगी. इंडिया टुडे-कार्वी इनसाइट के ओपिनियन पोल के मुताबिक आज अगर चुनाव हुए तो 35 फीसदी वोट के साथ बीजेपी सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरेगी. मतलब उसके 4 फीसदी वोट बढ़ेंगे, उससे 15 फीसदी कम वोट कांग्रेस को मिलेंगे मतलब केवल 20 फीसदी जबकि अन्य पार्टियां 45 फीसदी वोट हासिल करने में कामयाब होंगी.
मतलब इंडिया टुडे कार्वी इनसाइट के ओपिनियन पोल से साफ है तीन साल बाद भी नरेंद्र मोदी का नेतृत्व निष्कंटक है. नरेंद्र मोदी की पार्टी निष्टकंटक है और नरेंद्र मोदी का गठबंधन निष्कंटक है. इस निष्कंटक काल में विपक्ष की छायाएं कम से कमतर होती जा रही हैं. सियासत का शोर अपनी जगह लेकिन उसे इस सत्य का सामना करना ही होगा कि नरेंद्र मोदी से मुकाबले के बारे में सोचना भी फिलहाल मुनासिब नहीं.