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'50 दिन के दर्द' पर यूं मरहम लगाएगी मोदी सरकार

पिछले 50 दिनों से नोटबंदी को लेकर विपक्ष का हमला झेल रही केंद्र सरकार पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बड़ा ऐलान करने जा रही है. बताया जा रहा है कि 2 जनवरी को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नोटबंदी पर हुए हमलों के ताबड़तोड़ जवाब देने की तैयारी में है. नोटबंदी के 50 दिनों की परेशानी को लेकर सरकार जनता के सामने डैमेज कंट्रोल करेगी.

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी

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पिछले 50 दिनों से नोटबंदी को लेकर विपक्ष का हमला झेल रही केंद्र सरकार पांच राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर बड़ा ऐलान करने जा रही है. बताया जा रहा है कि 2 जनवरी को केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार नोटबंदी पर हुए हमलों के ताबड़तोड़ जवाब देने की तैयारी में है. नोटबंदी के 50 दिनों की परेशानी को लेकर सरकार जनता के सामने डैमेज कंट्रोल करेगी.

सूत्रों के मुताबिक 2 जनवरी को लखनऊ में होने वाली रैली नोटबंदी के बाद बीजेपी के लिए गेम चेंजर साबित होगी. चुनाव आयोग द्वारा आचार संहिता लागू होने से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस रैली में कई बड़ी घोषणाएं भी कर सकते हैं. मिली जानकारी के अनुसार चुनाव आयोग जनवरी के पहले हफ्ते में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर सकती है. जिसके बाद पांचों राज्यों में आचार संहिता लागू कर दी जाएगी.

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सूत्रों के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी बजट(2017-18) से पहले ही इस रैली में ग्रामीण आबादी, कृषि क्षेत्र और छोटे-मध्यम उद्यमों के लिए कई बड़े राहत पैकेज का ऐलान कर सकते हैं. आपको बता दें कि फरवरी की पहली तारीख को वित्त मंत्री अरुण जेटली बजट पेश करेंगे. इस बार बजट में इनकम टैक्स में राहत के ऐलान की घोषणा की उम्मीद की जा रही है.

यदि ये घोषणाएं की जाती हैं तो माना जा रहा है कि विपक्षी दल इसका जमकर विरोध करेंगे और चुनाव आयोग से गुहार लगाएंगे कि इसे मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन माना जाए. हालांकि वित्त मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि केन्द्रीय बजट केन्द्र सरकार का संवैधानिक कर्तव्य है और यह मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट की परिधि में नहीं आता है.

गौरतलब है कि 2012-13 के वार्षिक बजट को पांच राज्यों (मणिपुर, गोवा, उत्तराखंड, पंजाब और उत्तर प्रदेश) में विधानसभा चुनाव के चलते टाल दिया गया था. यह चुनाव फरवरी­-मार्च में कराया गया और बजट सत्र 12 मार्च से शुरू हुआ था. यह सत्र आमतौर पर फरवरी के आखिरी हफ्ते में शुरू होता है.

प्रधानमंत्री समेत वरिष्ठ नेता जैसे पार्टी प्रमुख अमित शाह और वित्त मंत्री अरुण जेटली को दिल्ली में होने वाली राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान पार्टी कैडर को संबोधित करने का भी मौका मिलेगा. वहीं, दिल्ली में 6-7 जनवरी के दौरान प्रधानमंत्री की एक और रैली का आयोजन किया जाना है. हालांकि पार्टी सूत्रों के मुताबिक राष्ट्रीय कार्यकारिणी के दौरान रणनीति तय की जाएगी कि किस तरह सरकार के फैसले को लेकर जनता के सामने जाया जाए.

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इससे पहले सोमवार को केन्द्र सरकार ने बीजेपी के परंपरागत और नए वोट बैंक, ट्रेडर और किसान, तक पहुंचने की कोशिश की थी. केन्द्र सरकार ने छोटे कारोबारियों को डिजिटल पेमेंट करने पर 2 फीसदी की छूट देने का ऐलान किया था. वहीं उसने इनकम टैक्स डिपार्टमेंट को छोटे कारोबारियों को बैंक डिपॉजिट के लिए परेशान नहीं करने का निर्देश दिया था. मंगलवार को केन्द्र सरकार ने किसानों को कर्ज का भुगतान करने के लिए 60 अतिरिक्त दिन देने का ऐलान किया था.

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