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बीजेपी के लिए लकी रहे हैं भूपेंद्र यादव, अमित शाह ने अब सौंपी महाराष्ट्र की कमान

बीजेपी को कई राज्यों में अपनी वार रूम स्ट्रेटजी के जरिए जीत दिलाने वाले पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव पर फिर अध्यक्ष अमित शाह ने भरोसा जताया है. उन्हें अब महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव की कमान सौंपी है.

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भूपेंद्र यादव को बनाया महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का प्रभारी(फोटो-FB)
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने भूपेंद्र यादव को बनाया महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव का प्रभारी(फोटो-FB)

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भारतीय जनता पार्टी (BJP) ने महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए राष्ट्रीय महासचिव भूपेंद्र यादव को कमान सौंपी है. भूपेंद्र यादव कई राज्यों के चुनाव में बीजेपी के लिए न केवल लकी रहे हैं, बल्कि अपनी संगठन क्षमता का लोहा भी मनवा चुके हैं. अमित शाह के साथ वह बीजेपी की संगठनात्मक रणनीतियां तय करने के लिए जाने जाते हैं. ऐसी चुनावी बिसात बिछाने में माहिर हैं कि जिसके जरिए बीजेपी विरोधी दलों की रणनीतियां ध्वस्त करने में सफल हो जाती है. चाहे 2013 में राजस्थान का विधानसभा चुनाव हो या फिर 2014 में झारखंड और 2017 में हुए गुजरात तथा उत्तर प्रदेश के चुनाव. इन राज्यों में बीजेपी के लिए उन्होंने परदे के पीछे रहकर चाणक्य की भूमिका निभाई. जिससे बीजेपी को जीत मिली.

उत्तर प्रदेश में भले ही भूपेंद्र यादव प्रभारी नहीं थे, मगर बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने उन्हें वॉर रूम की कमान सौंप रखी थी. वह मीडिया मैनेजमेंट भी देख रहे थे.सिर्फ बिहार ही एक ऐसा राज्य था, जहां 2015 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार हुई थी. हालांकि लोकसभा चुनाव में बीजेपी-जदयू गठबंधन ने लगभग क्लीन स्वीप किया.

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भूपेंद्र यादव अमित शाह के 'मिस्टर भरोसेमंद' माने जाते हैं. हाल में राज्यसभा में कई अहम बिलों को पास कराने के लिए विरोधी दलों के सांसदों का भी समर्थन हासिल करने के लिए अमित शाह ने जो टीम बनाई थी, उसमें भूपेंद्र यादव की भी अहम भूमिका थी. महाराष्ट्र में बड़ी संख्या में यूपी और कर्नाटक के लोग रहते हैं. माना जाता है कि इसी को ध्यान में रखते हुए बीजेपी ने यूपी से केशव प्रसाद मौर्य और कर्नाटक के पूर्व विधायक लक्ष्मण सावदी को भी सह प्रभारी बनाकर महाराष्ट्र भेजा है. केशव यूपी के चुनावों में भूपेंद्र के साथ काम कर चुके हैं.

भूपेंद्र यादव के एक करीबी ने Aajtak.in से कहा कि महाराष्ट्र के लिए भूपेंद्र यादव नए नहीं हैं. वह पिछले विधानसभा चुनाव के दौरान भी वहां काम कर चुके हैं. तब उनके हवाले मराठवाड़ा क्षेत्र था. इसके अलावा वह महाराष्ट्र की सीमा से जुड़े कर्नाटक के धारवाड़ आदि क्षेत्रों में भी चुनाव के दौरान काम कर चुके हैं. उनकी संगठन क्षमता ही है जो मोदी-शाह ने 2017 में उन्हें अपने गृह सूबे गुजरात का चुनाव प्रभारी बनाया था. यहां बीजेपी सत्ता बनाए रखने में सफल हुई थी. देखा जाता है कि प्रभारी चुनाव के दौरान ही ज्यादा सक्रिय होते हैं, मगर भूपेंद्र यादव नियुक्ति आदेश जारी होते ही संबंधित राज्य में कैंप का प्रोग्राम बना लेते हैं.

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20776714_1630295766991414_3755257994758200354_o_080919025023.jpgलोकसभा चुनाव के दौरान नीतीश कुमार से सीटों का बंटवारा सुलझाने में भूपेंद्र यादव का रहा था अहम योगदान.

बीजेपी के एक नेता का कहना है कि महाराष्ट्र में विपक्ष से भाजपा को उतनी चुनौती नहीं है जितना कि अपनी सहयोगी शिवसेना के नखरों से. ऐसे में चुनाव से पहले सीटों के पेंच को सुलझाना भूपेंद्र यादव के लिए चुनौती है. हालांकि उन्होंने जिस तरह से हालिया लोकसभा चुनाव के दौरान बिहार में एनडीए सहयोगियों के बीच सीटों के बंटवारे को सुलझाया था, उससे माना जा रहा है कि महाराष्ट्र मे कोई दिक्कत नहीं होगी. महाराष्ट्र में अक्टूबर में चुनाव होने की संभावना है. झारखंड और हरियाणा में भी साथ चुनाव हो सकते हैं.

भूपेंद्र यादव की पृष्ठिभूमि की बात करें तो वह राजस्थान के अजमेर के रहने वाले हैं. गवर्नमेंट कॉलेज अजमेर से कानून की पढ़ाई करने वाले 50 वर्षीय भूपेंद्र यादव सुप्रीम कोर्ट के वकील भी हैं. भूपेन्द्र यादव गवर्नमेंट कॉलेज अजमेर के छात्रसंघ अध्यक्ष और 1992 में गुरुग्राम में भाजयुमो के अध्यक्ष भी रह चुके हैं. 2009 तक अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद( ABAP) में महासचिव की भूमिका निभाने के बाद 2010 में बीजेपी के नेशनल सेक्रेटरी बने भूपेंद्र यादव को पार्टी ने 2012 में पहली बार राज्यसभा भेजा था. फिर 2013 में राजस्थान प्रभारी की बड़ी जिम्मेदारी सौंपी थी.

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बीजेपी को सत्ता में पहुंचाकर भूपेंद्र यादव पार्टी के शीर्ष नेतृत्व को प्रभावित करने में सफल रहे. इसके बाद, जब 2014 में अमित शाह अध्यक्ष बने तो उन्होंने भूपेंद्र यादव पर और अधिक भरोसा जताते हुए जिम्मेदारियां बढ़ानी शुरू कीं. उन्हें प्रमोट कर राष्ट्रीय महासचिव बना दिया गया. वहीं, वर्ष 2018 में बीजेपी ने राजस्थान कोटे से दोबारा भूपेंद्र यादव को राज्यसभा भेजा.

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