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Exclusive: अटकलों को शाह ने किया खारिज, कहा- देश में समय से पहले नहीं होंगे आम चुनाव

इंडिया टुडे से खास बातचीत में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की बात की जा रही है, लेकिन सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा उपसभापति चुनाव में जो हुआ, उसको सबने देखा है. इस दौरान उन्होंने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनावों में जीतने का भी दावा किया.

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह

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बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता पर चुटकी ली है. उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के खिलाफ विपक्षी एकजुटता की बात की जा रही है, लेकिन मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव और राज्यसभा उपसभापति चुनाव में जो हुआ, उसको सबने देखा है. इंडिया टुडे से खास बातचीत के दौरान शाह ने अटकलों को खारिज करते हुए साफ किया कि देश में समय से पहले आम चुनाव नहीं होंगे.

बीजेपी अध्यक्ष शाह ने छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्य प्रदेश में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीतने का दावा भी किया. उन्होंने कहा, 'हम इन तीनों राज्यों में होने वाले विधानसभा चुनाव में जीत दर्ज करने जा रहे हैं.' इस दौरान उन्होंने मोदी सरकार की उपलब्धियों को गिनाते हुए सत्ता विरोधी लहर की बात को भी सिरे से खारिज कर दिया.

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उन्होंने कहा कि 22 करोड़ लोगों के जनधन खाते खोले गए. 2019 के लोकसभा चुनाव से जुड़े सवाल पर शाह ने कहा कि हम अपने कामकाज को लेकर जनता के बीच जाएंगे और देश की जनता चाहती है कि मोदी साल 2019 में फिर से प्रधानमंत्री बनें.

राफेल डील से जुड़े सवाल पर अमित शाह ने कहा कि इस मामले में रक्षामंत्री निर्मला सीतारमण ने सब कुछ स्पष्ट कर दिया है. विपक्ष पर हमला बोलते हुए बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, 'हम उन लोगों की बयानबाजी की चिंता नहीं करते हैं, जिनके पास आज जॉब नहीं हैं.'

संसद के इसी मॉनसून सत्र के दौरान लोकसभा में विपक्षी पार्टी टीडीपी ने मोदी सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव पेश किया था, जिसका कांग्रेस समेत कई विपक्षी दलों ने समर्थन किया था. हालांकि मोदी सरकार के खिलाफ यह प्रस्ताव गिर गया था. अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग में विपक्ष के 126 के मुकाबले मोदी सरकार को 325 वोट मिले थे.

इसके अलावा राज्यसभा उपसभापति चुनाव में कई विपक्षी दलों ने एनडीए के उम्मीदवार हरिवंश नारायण सिंह के पक्ष में वोट किया था, जिसके चलते कांग्रेस के उम्मीदवार को हार का सामना करना पड़ा था. जहां एक ओर एआईएडीएमके, टीआरएस और बीजेडी ने हरिवंश का समर्थन किया, तो दूसरी ओर आम आदमी पार्टी, वाईएसआर कांग्रेस, पीडीपी ने वोटिंग से खुद को अलग रखा.

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