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J-K विधानसभा में अभी क्या है दलों की स्थिति, किसके पास कितना नंबर

बीजेपी ने समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को सौंप दी है. बीजेपी की ओर से राज्यपाल शासन की मांग की गई है. बीजेपी नेताओं से मिलने से पहले अमित शाह ने NSA अजित डोभाल से भी मुलाकात की थी.

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महबूबा मुफ्ती
महबूबा मुफ्ती

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भारतीय जनता पार्टी ने जम्मू-कश्मीर सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है. 2014 के आखिर में राज्य में चुनाव हुए थे और पीडीपी के 28 विधायक और बीजेपी के 25 विधायक जीतकर आए थे. दोनों पार्टी ने साथ मिलकर सरकार बनाया था और महबूबा मुफ्ती मुख्यमंत्री बनी थीं. तो बीजेपी के समर्थन वापस लेने के बाद अब क्या स्थिति है जम्मू-कश्मीर विधानसभा में, आइए जानते हैं..

कुल सीट (जम्मू-कश्मीर विधानसभा) - 89

सरकार बनाने के लिए जरूरी बहुमत- 44

पीडीपी- 28

बीजेपी- 25

नेशनल कांफ्रेंस- 15

कांग्रेस- 12

अन्य- 9

बीजेपी को छोड़ अन्य पार्टियों के पास कितनी सीट

बीजेपी के बिना पीडीपी, एनसी और कांग्रेस के विधायकों को अगर मिला दें तब भी विधानसभा में बहुमत पूरा हो सकता है. तीनों के पास कुल 55 सीटें हो जाएंगी, जो बहुमत से काफी अधिक है. 

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उधर, बीजेपी ने समर्थन वापसी की चिट्ठी राज्यपाल को सौंप दी है. बीजेपी की ओर से राज्यपाल शासन की मांग की गई है. बीजेपी नेताओं से मिलने से पहले अमित शाह ने NSA अजित डोभाल से भी मुलाकात की थी.

अमित शाह ने इस शख्स से की मुलाकात, और फिर कश्मीर में गिर गई सरकार

फैसले के बाद बीजेपी नेता राम माधव ने कहा कि हमने गृह मंत्रालय, जम्मू-कश्मीर के तीन साल के कामकाज, सभी एजेंसियों से राय लेकर ये फैसला किया है. जिसके बाद ये तय हुआ है कि बीजेपी अपना समर्थन वापस ले रही है. राम माधव ने कहा कि तीन साल पहले जो जनादेश आया था, तब ऐसी परिस्थितियां थी जिसके कारण ये गठबंधन हुआ था. लेकिन जो परिस्थितियां बनती जा रही थीं उससे गठबंधन में आगे चलना मुश्किल हो गया था.

सभी से चर्चा के बाद हुआ फैसला

बीजेपी नेता राममाधव ने कहा कि जिन मुद्दों को लेकर सरकार बनी थी, उन सभी बातों पर चर्चा हुई. पिछले कुछ दिनों से कश्मीर में स्थिति काफी बिगड़ी है, जिसके कारण हमें ये फैसला लेना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि इस संबंध में प्रधानमंत्री, अमित शाह, राज्य नेतृत्व सभी से बात की है.

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