बीजेपी ने हाल की हिंसक घटनाओं को 'राष्ट्र पर आघात' बताने संबंधी पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की धारणा को आज खारिज करते हुए कहा कि उन्हें यह समझना चाहिए कि ये घटनाएं कांग्रेस सहित गैर बीजेपी शासित राज्यों में हुई हैं और केन्द्र का इनसे कुछ लेना देना नहीं है.
सत्तारूढ़ पार्टी ने बढ़ती असहिष्णुता पर मोदी सरकार की लगातार आलोचना करने के लिए भी कांग्रेस की निंदा की. उसने आरोप लगाया कि विपक्षी दल प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के प्रति अपनी असहिष्णुता के चलते देश की छवि को धूमिल करने के लिए एक जहरीला अभियान चला रहा है.
असहिष्णुता पर जारी बहस के बीच पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने 'कुछ हिंसक अतिवादी समूहों' द्वारा विचारों की स्वतंत्रता के अधिकार के 'खुले उल्लंघन' की आज निंदा की और इस बात से सहमति जताई कि यह 'राष्ट्र पर आघात' है.
उन्होंने सचेत किया कि अगर एकता नहीं होगी और विविधता, धर्मनिरपेक्षता और बहुलता के प्रति सम्मान नहीं होगा तब गणतंत्र के समक्ष खतरा हो सकता है.
दादरी की घटना और एम एम कुलबुर्गी की हत्या का उल्लेख करते हुए भाजपा सचिव श्रीकांत शर्मा ने कहा, ‘‘इन सभी घटनाओं का केन्द्र से कोई लेना देना नहीं है. असहिष्णुता के लिए मोदी सरकार को दोषी ठहराना महज एक बहाना है क्योंकि बुनियादी रूप से यह मोदी के प्रति कांग्रेस की असहिष्णुता है जिसके चलते वह भारत की छवि को धूमिल करने के लिए एक जहरीला अभियान चलाने पर उतर आयी है.
शर्मा ने कहा, 'यह बेहतर होता अगर सिंह इन घटनाओं के बारे में स्पष्ट रूप से बताते, क्योंकि ये घटनाएं उनकी पार्टी या सहयोगी दलों द्वारा शासित राज्यों में हुई हैं.'
उन्होंने कहा कि कांग्रेस को बीजेपी से राजनीतिक रूप से मुकाबला करना चाहिए और आरोप लगाकर देश की छवि को धूमिल नहीं करना चाहिए.
-इनपुट भाषा