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BJP पर पकड़ कमजोर नहीं होने देना चाहता संघ, मंथन शिविर में उठा विनिवेश का मुद्दा

सूत्रों की माने तो वित्तमंत्री पीयूष गोयल और वाणिज्य मंत्री सुरेश प्रभु स्वदेशी जागरण मंच के फॉर्मूले पर विचार करने को तैयार हो गए हैं. वित्त मंत्री की तरफ से कहा गया कि सरकार सभी कर्मचारियों के हितों और एयरलाइंस की चिंताओं से वाकिफ है.

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मोहन भागवत के साथ अमित शा, फाइल फोटो (Getty Images)
मोहन भागवत के साथ अमित शा, फाइल फोटो (Getty Images)

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बीजेपी और राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के बीच जारी मंथन के दूसरे दिन मंगलवार को संघ के आर्थिक क्षेत्रों में काम करने वाले विभिन्न संगठनों ने एयर इंडिया के विनिवेश के साथ पेट्रोल-डीजल की कीमतों पर अपनी चिंता जाहिर की. इनमें स्वदेशी जागरण मंच, भारतीय मज़दूर संघ, भारतीय किसान संघ, लघु उद्योग भारती और सहकारिता भारती जैसे संगठन शामिल हैं.  

सूत्रों के अनुसार बैठक में जिस तरह से सरकार ने एयर इंडिया के विनिवेश की योजना बनाई है उसको लेकर स्वदेशी जागरण मंच ने बैठक में सवाल उठाए. स्वदेशी जागरण मंच ने कहा कि एयर इंडिया को नीलामी के ज़रिये किसी कम्पनी को देने से अच्छा है कि एयर इंडिया के शेयरों की इक्विटी के ज़रिये बाज़ार से पैसा लाकर इसको किसी निजी कम्पनी के हाथों में जाने से बचाया जा सकता हैं.

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सूत्रों की माने तो वित्तमंत्री पीयूष गोयल और नागरिक विमानन मंत्री सुरेश प्रभु स्वदेशी जागरण मंच के फॉर्मूले पर विचार करने को तैयार हो गए हैं. वित्त मंत्री की तरफ से कहा गया कि सरकार सभी कर्मचारियों के हितों और एयरलाइंस की चिंताओं से वाकिफ है. साथ ही जो भी फैसला होगा वह सभी के हितों को मद्देनजर रखकर ही किया जाएगा. जल्दबाजी और आनन फानन में कोई फ़ैसला नहीं लिया जायेगा.

अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने पेट्रोल और डीज़ल की बढ़ती हुई क़ीमतों पर चिंता जताई. अखिल भारतीय ग्राहक पंचायत ने कहा जल्द ही इन बढ़ती हुई क़ीमतों पर लगाम लगाने की ज़रूरत है. इसके लिए केंद्र सरकार को सभी राज्यों से एक साथ बात करनी चाहिए. इस बातचीत में इसका एक स्थाई समाधान निकालना चाहिए.

सूत्रों की माने तो ये भी सुझाव दिया गया की पेट्रोल और डीज़ल को जीएसटी के अंदर लाया जाए. इससे पूरे देश में पेट्रोल और डीज़ल पर एक ही अनुपात में टैक्स लगे और क़ीमतें एक समान हों.

भारतीय मज़दूर संघ ने श्रमिकों की समस्याओं और भारतीय किसान संघ ने किसानों की समस्याओं को सरकार के मंत्रियों के सामने रखा. सरकार के मंत्रियों की ओर से आश्वासन दिया कि उनकी मांगो पर सरकार विचार करेगी. संघ के यही संगठन चुनावों में बीजेपी को जीत दिलाने लिए जनता के बीच जाकर मैदान तैयार करते हैं.  

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इस बैठक में किसानों और मजदूरों, खासकर असंगठित क्षेत्र के मजदूरों को लेकर भी चर्चा हुई है. बैठक में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह, बीजेपी संगठन महासचिव रामलाल, महासचिव राम माधव, वितत्मंत्री पीयूष गोयल, विमानन मंत्री सुरेश प्रभु, कृषि मंत्री राधामोहन सिंह, श्रम मंत्री संतोष गंगवार, लघु उद्योग मंत्री गिरीराज सिंह और वित्त राज्य मंत्री शिव प्रताप शुक्ला के अलावा संघ से सह सर कार्यवाह कृष्णगोपाल और दत्तात्रेय होसेबोले भी मौजूद थे.

संघ और बीजेपी के बीच सरकार के कामकाज को लेकर चल रहे विचार विमर्श के लिए चार दिन के मंथन के दूसरे दिन आम आदमी को सीधे प्रभावित करने वाले मुद्दे ज्यादा उठे. बैठक में संघ से भारतीय मजदूर संघ, स्वदेशी जागरण मंच जैसे संगठनों के प्रतिनिधि भी मौजूद थे.

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