बीजेपी ने कहा कि वह खाद्य सुरक्षा विधेयक के खिलाफ नहीं है और कांग्रेस ‘आधारहीन आरोप’ लगा रही है कि मुख्य विपक्षी दल प्रस्तावित कानून का विरोध कर रहा है. पार्टी ने कहा कि मसौदा विधेयक के ‘कई’ प्रावधानों में खामियां हैं.
पार्टी ने कहा कि पिछले बजट सत्र में विधेयक की विफलता के लिए वह जिम्मेदार नहीं है बल्कि पवन कुमार बंसल और अश्विनी कुमार के इस्तीफे की मांग पर कांग्रेस का ‘अड़ियल’ रवैया इसके लिए जिम्मेदार है. सत्र खत्म होने के बाद दोनों ने इस्तीफा दे दिया था.
बीजेपी के अध्यक्ष राजनाथ सिंह ने पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में कहा, ‘आजकल कांग्रेस आधारहीन आरोप लगा रही है कि दो तिहाई आबादी को खाद्य सुरक्षा मुहैया कराने वाले कानून पर हमने अड़ंगा लगाया.’
उन्होंने कहा, ‘खाद्य सुरक्षा के मुद्दे पर बीजेपी काफी गंभीर है.’ साथ ही उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से तैयार प्रस्तावित विधेयक में ‘हमें कई आपत्तिजनक बातें नजर आ रही हैं.’
सिंह ने कहा कि अनाज उपजाने वाले किसानों को ‘कोई महत्व नहीं’ दिया गया है, ‘किसानों को उसकी उपज के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य देने की गारंटी नहीं है.’ सत्तारूढ़ यूपीए की तरफ से पेश विधेयक पर संसद में विपक्षी दलों के हंगामे के कारण विमर्श नहीं हो सका. विपक्षी दल बंसल और कुमार के इस्तीफे का दबाव बना रहे थे.
सरकार अब विभिन्न विकल्पों पर विचार कर रही है जिसमें संसद का विशेष सत्र बुलाने या अध्यादेश लाना शामिल है ताकि महत्वपूर्ण विधेयक को जल्द लाया जा सके. बीजेपी अध्यक्ष ने कहा कि कांग्रेस को पार्टी के 50 वर्षों तक शासन के बाद ‘अपनी गलती स्वीकार’ करनी चाहिए कि दो-तिहाई भारत अब भी खाद्य सुरक्षा से वंचित है.
पार्टी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘हम खाद्य सुरक्षा विधेयक के खिलाफ नहीं हैं. इस पर हमने पहली पहल की थी क्योंकि छत्तीसगढ़ में बीजेपी सरकार ऐसा कदम पहले ही उठा चुकी है.’ कांग्रेस को निशाना बनाते हुए उन्होंने कहा, ‘उल्टे चोर कोतवाल को डांटे.’