अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय (एएमयू) में जिन्ना फोटो विवाद खत्म होने का नाम नहीं ले रहा. बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि बंटवारे के वक्त जब पाकिस्तान को काफी कुछ दिया गया तो उसी समय यह फोटो भी उन्हें सौंप देनी चाहिए थी, उसकी यहां पर कोई जरूरत नहीं है.
बीजेपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता शाहनवाज हुसैन का कहना है कि मोहम्मद अली जिन्ना बंटवारे के प्रतीक हैं. वह 1947 में हुए बंटवारे में लाखों लोगों का खून बहाने के लिए जिम्मेदार हैं. भारत का हिंदू या मुसलमान कोई भी जिन्ना को पसंद नहीं करता.
एएमयू में जिन्ना की फोटो पर उठे विवाद पर उन्होंने कहा कि जब देश का बंटवारा हुआ तब रिजर्व बैंक से बहुत सारा पैसा वहां गया. जमीन और जायदाद भी उन्हें बड़ी संख्या में दी गई. एएमयू को जिन्ना वाली फोटो भी सीधे पाकिस्तान पहुंचा देनी चाहिए थी. आखिर उस फोटो की अब यहां क्या जरूरत है और यह एएमयू में क्यों लगे?
उन्होंने कहा कि हमारी आने वाली पीढ़ी को देश का बंटवारा करवाने वाले जिन्ना की याद क्यों करवाई जाए? जिन्ना की तस्वीर से लोगों की इतनी मोहब्बत क्यों हैं? इस देश में कोई भी जिन्ना को अपना नहीं मानता. वो किसी के आदर्श नहीं हैं. उनकी तस्वीर की कोई जरूरत नहीं है. अगर मुझे पहले इस फोटो की जानकारी होती तो मैं भी इस मुद्दे को उठाता, आखिर देश में इस फोटो की जरुरत क्यों है?
नमाज पर बोले हुसैन
सार्वजनिक स्थलों पर नमाज नहीं पढ़ने को लेकर हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के बयान पर शाहनवाज हुसैन का कहना है कि नमाज तो मस्जिद में होती है जबकि ईद और बकरीद की नमाज ईदगाह में होती है. लेकिन नमाज के वक्त लोग प्लेटफार्म पर हुए तो वहां भी लोग नमाज पढ़ते हैं. भारतीय संस्कृति में हिंदू समाज के लोग उनका बहुत आदर करते हैं. खट्टर साहब ने यही कहा है कहीं पर सार्वजनिक स्थल पर नमाज पढ़ रहे हैं तो सरकार के संज्ञान में लाएं तो पूरी सुरक्षा होगी. कोई रोक टोक नहीं लगाया जाएगा. अपना देश है सबको पूजा पद्धति पर चलने का पूरा अधिकार है.
पूर्व मुख्यमंत्री मायावती के खिलाफ सीबीआई जांच पर शहनवाज का कहना है कि शुगर मिल का मामला बहुत पुराना है. मामले की चर्चा तो पहले से ही अखबारों में छाई हुई थी. अखिलेश यादव और मायावती के बीच पहले से ही मैच फिक्सिंग है कि जो भी सत्ता में रहेगा वो घोटाला को छुपाए रखेगा. लेकिन अब बीजेपी की सरकार आई है, जांच तो होगी ही, इस जांच को कौन रोक सकता है.
जम्मू-कश्मीर की मुख्यमंत्री महबूबा मुफ्ती के बयान पर शहनवाज हुसैन ने कहा कि दो ही रास्ते बचे हैं जिसमें एक है अमन, शांति और विकास का रास्ता, जबकि दूसरा पाकिस्तान के बहकावे में हथियार उठाने का रास्ता. हम चाहते हैं कि अमन और शांति हो, साथ ही हम विकास के रास्ते पर चलें. महबूबा मुफ्ती के नेतृत्व में जम्मू कश्मीर में लोकप्रिय सरकार चल रही है. सरकार में बीजेपी शामिल है. अब वहां विकास हो रहा है, लेकिन जो नौजवान हथियार उठा रहे हैं, उनको संदेश है कि वे कलम उठाएं. यूपीएससी में आएं, डॉक्टर या फिर इंजीनियर बनें. बहकावे में आकर जो आतंकी बन गए वो एके-47 हाथियार ही उठाएंगे.
उन्होंने कहा कि एके-47 कोई फूल तो है नहीं, उसमें गोली लगी है जो मौत की ओर ले जाती है. एके-47 छोड़ेंगे तभी सही रास्ते पर चलेंगे. इसलिए जो लोग हथियार उठाएंगे, बगावत करेंगे, पाकिस्तान के बहकावे में आएंगे, उन्हें किसी भी स्तर पर छोड़ा नहीं जाएगा.