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84-कोसी परिक्रमा पर संसद में बवाल: योगी आदित्‍यनाथ और मुलायम सिंह आमने-सामने

विश्व हिंद परिषद की 84-कोसी परिक्रमा की गूंज आज सड़क से संसद तक सुनाई दी. जहां एक तरफ सड़कों पर वीएचपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह और बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी बहस देखने को मिली.

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मुलायम सिंह यादव
मुलायम सिंह यादव

विश्व हिंद परिषद की 84-कोसी परिक्रमा की गूंज आज सड़क से संसद तक सुनाई दी. जहां एक तरफ सड़कों पर वीएचपी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया. वहीं, लोकसभा में समाजवादी पार्टी के सुप्रीमो मुलायम सिंह और बीजेपी सांसद योगी आदित्यनाथ के बीच तीखी बहस देखने को मिली.

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पहले मुलायम सिंह ने बीजेपी दंगों के लिए माहौल बनाने का आरोप लगाया और कहा कि बीजेपी वाले गुंडई पर उतर आए हैं. वे ना तो कोर्ट को मानते हैं ना ही संविधान को.

इसके जवाब में बीजेपी नेता योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मुलायम सिंह किस समाजवाद की बात करते हैं. खुद पार्टी के अध्यक्ष हैं, दो भाई महासचिव हैं, बेटा मुख्यमंत्री है तो ये कैसा समाजवाद है. यह तो विशुद्ध परिवारवाद है. समाजवाद ने नाम पर धर्मनिरपेक्षता की धज्जियां उड़ाई जा रही है.

बीजेपी दंगे कराना चाहती हैः मुलायम सिंह यादव
'अयोध्या का विवाद आज से नहीं 1950 से भी पहले से चला आ रहा है. न्यायाधीन है. बीजेपी ने 1992 में ऐसा माहौल बनाया कि देश भर में दंगे हुए. वही काम बीजेपी फिर से कर रही है. बीजेपी कोर्ट को मानती नहीं, संविधान को नहीं मानती. सुप्रीम कोर्ट का फैसला था कि अयोध्या में यथास्थिति बनी रहनी चाहिए. जब तक उस पर कोई अंतिम फैसला ना आ जाए. पर बीजेपी वाले मनमानी करना चाहते हैं. किसी भी वीएचपी कार्यकर्ता की पिटाई नहीं हुई. दरअसल, इस यात्रा को तो जनता का ही साथ नहीं मिला. इस यात्रा में एक भी जनता शामिल नहीं हई. जनता क्या संतों ने भी इस यात्रा की निंदा की है. हमारी सरकार कोर्ट के आदेश का पालन कर रही है. बीजेपी वाले विरोध जता रहे हैं. यहां आकर हमारे दफ्तर में तोड़फोड़ की गई. बीजेपी वाले गुंडई पर उतर आए हैं. बात करते हैं भ्रष्टाचार की और मानवता की. हम गुंडई रोकना जानते हैं. हमने 1990 में भी रोकी थी. मनमानी करोगे तो सजा भुगतोगे. यूपी सरकार ने कोर्ट के निर्देश का पालन किया है. हमने कुछ भी गलत नहीं किया.'

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इसके बाद जवाब में बीजेपी की ओर से योगी आदित्यनाथ उतरे.

धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन
योगी  आदित्‍यनाथ ने कहा कि इस मुद्दे पर पूरे देश को गुमराह किया जा रहा हैं. अयोध्या में तीन तरह की यात्राएं होती है. उसी परंपरा के मुताबिक 10 हजारों संतों में कुंभ मेले में 84 कोसी परिक्रमा करना तय किया था. यह विशुद्ध धार्मिक यात्रा थी. इसमें 200-250 संतों को चलना था. लेकिन जिस तरह धार्मिक स्वतंत्रता के मौलिक अधिकार का हनन यूपी सरकार ने किया. वह निंदनीय है. देश के 2000 संतों को गिरफ्तार किया. साधू-संतों का अपमान किया गया.

साधु संतों द्वारा मंदिर की मांग करना कोई पाप है क्या
आदित्‍यनाथ के मुताबिक रही बात अयोध्या में भव्य मंदिर की तो 1994 में कांग्रेस नीत सरकार ने ही सुप्रीम कोर्ट में शपथ पत्र दिया था कि अगर यह सिद्ध हो जाता है कि विवादित ढांचा पर पहले मंदिर था तो हिंदू समाज की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए वहां मंदिर का निर्माण किया जाएगा. ऐसा सिद्ध हो गया है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के लखनऊ खंडपीठ ने तीनों जजों ने एकमत में कहा था कि वह राम जन्म भूमि है. तो साधु संतों द्वारा मंदिर की मांग करना कोई पाप है क्या.

मुलायम का समाजवाद विशुद्ध परिवारवाद है
मुलायम सिंह पर निशाना साधते हुए आदित्‍यनाथ ने कहा कि मुलायम किस समाजवाद की बात करते हैं. खुद पार्टी के अध्यक्ष हैं, दो भाई महासचिव हैं, बेटा मुख्यमंत्री है तो ये कैसा समाजवाद है. यह तो विशुद्ध परिवारवाद है. समाजवाद ने नाम पर धर्मनिरपेक्षता की धज्जियां की उड़ाई जा रही है. आतंकवादियों के खिलाफ से दायर मुकदमे वापस लिए जा रहे हैं, ये कैसा समाजवाद है. इनकी समाजवादी सरकार के अंदर एक साल में 30 से ज्यादा सांप्रदायिक दंगे हुए हैं.

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