जम्मू कश्मीर लिबरेशन फ्रंट के प्रमुख यासिन मलिक ने कश्मीर पर कथित नकरात्मक बयानों के लिए भाजपा की आलोचना करते हुए इस बात पर अचरज प्रकट किया कि कैसे वह इस बात को भूला सकती है कि उसने ही अलगाववादियों से वार्ता प्रक्रिया शुरू की थी.
उन्होंने यहां से 70 किलोमीटर दूर कुलगाम के यारीपुरा में एक जनसभा को संबोधित करते हुए कहा कि यदि भाजपा ने वार्ता प्रक्रिया शुरू की तो फिर अब उसके नकारात्मक बयानों और धमकियों का क्या मतलब है.
मलिक ने कहा कि भाजपा ने राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार के दौरान न केवल लाहौर बस सेवा शुरू की थी बल्कि उसने आतंकवादी संगठनों के साथ भी वार्ता शुरू की थी.
उन्होंने कहा, ‘भारत में सभी राजनीतिक दलों को कश्मीर समस्या का समाधान निकालने में मदद के लिए राजनीतिक लाईन से ऊपर उठना चाहिए और पारंपरिक कठोरता को त्यागना चाहिए.’